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Agrasen Ki Baoli: महाभारत काल में बनी अग्रसेन बावली का होगा मेकओवर, रहस्‍यमयी है यह भुतहा जगह

Agrasen Baoli History: दिल्‍ली की एक ऐतिहासिक जगह अग्रसेन की बावली का जल्‍द ही मेकओवर होने जा रहा है. इसके तहत बावली की गाद निकाले और मरम्‍मत करने का काम किया जाएगा. इस मौके पर जानते हैं अग्रसेन की बावली का इतिहास.  

Agrasen Ki Baoli: महाभारत काल में बनी अग्रसेन बावली का होगा मेकओवर, रहस्‍यमयी है यह भुतहा जगह
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Shraddha Jain|Updated: Apr 23, 2024, 11:14 AM IST

Agrasen ki Baoli Haunted Story: दिल्‍ली के दिल कनाट प्‍लास की हैली रोड में स्थित अग्रसेन की बावली टूरिस्‍ट और शांति प्रिय लोगों की पसंद रही है. इस ऐतिहासिक बावली का जल्‍द कायाकल्‍प होने वाला है. इसके लिए आने वाले कुछ समय में संरक्षण का काम शुरू होगा. ताकि यहां टूरिस्‍ट की संख्‍या और बढ़ सके. साथ ही इस ऐतिहासिक स्‍थल को भी संरक्षित किया जा सके. इस जगह की गिनती दिल्‍ली की भुतहा जगहों में भी होती है. 

महाभारत काल में हुआ था निर्माण 

माना जाता है कि अग्रसेन की बावली का निर्माण महाभारत काल में हुआ था. इसके बाद अग्रवाल समाज के महाराजा अग्रसेन ने इसका जीर्णोद्धार कराया. जिसके कारण इसे 'अग्रसेन की बावली' के नाम से जाना जाने लगा. अभी भी यहां पर इस बात की जानकारी देता एक बोर्ड लगा हुआ है. हालांकि इससे जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी उपलब्‍ध नहीं है. ताकि इसके निर्माता को लेकर आधिकारिक पुष्टी हो सके.

भुतहा है अग्रसेन की बावली 

60 मीटर लंबी और 15 मीटर ऊंची यह अग्रसेन की बावली भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है. बावली से मतलब कुआं होता है, जहां गर्मियों के लिए पानी इकट्ठा करके रखा जाता था. इस बावली का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से हुआ है, जिसके कारण यह इसकी दीवारें बेहद सुंदर नजर आती हैं. साथ ही यह जगह बेहद शांत भी है. लेकिन इसके साथ ही यह कई रहस्‍य भी समेटे हुए है.  

यह बावली इस तरह बनी है कि जैसे-जैसे आप इसकी सीढ़ियों से नीचे उतरते जाते हैं, एक अजीब सी गहरी चुप्पी फैलने लगती और आकाश गायब होने लगता है. बावली के नीचे तक पहुंचने के लिए 105 सीढ़ियां उतरनी पड़ती हैं. साथ ही बावली में कई बार लोगों ने यहां किसी साए की मौजूदगी भी महसूस की है. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि एक समय इस बावली का कुआं काले रंग के पानी से भरा हुआ था. यह काला पानी लोगों को सम्‍मोहित करता था और कुएं में कूद कर आत्महत्या करने के लिए उकसाता था. इसलिए इसकी गिनती भुतहा और रहस्‍यमयी जगहों में होती है. 

बता दें कि कुछ साल पहले आमिर खान की फिल्म 'पीके' की शूटिंग अग्रसेन की बावली में हुई थी, जिसके बाद से यह काफी चर्चा में रही. साथ ही टूरिस्‍ट भी बढ़े हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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