Hindi News >>प्रॉपर्टी
Advertisement

Property: प्रॉपर्टी खरीदते समय इस पेपर को जरूर कर लें चेक, वरना नहीं मिल पाएगा मालिकाना हक

Property Mutation: किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने के बाद महज उसकी रजिस्ट्री कराने से चुप नहीं बैठना चाहिए. रजिस्ट्री कराने मात्र से आप उस संपत्ति के मालिक नहीं बन जाएंगे. इसके लिए एक और डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है.

Property: प्रॉपर्टी खरीदते समय इस पेपर को जरूर कर लें चेक, वरना नहीं मिल पाएगा मालिकाना हक
Stop
Chandra Shekhar Verma|Updated: Jun 15, 2023, 06:10 PM IST

Difference Between Mutation and Registry: खुद का मकान, फ्लैट होना किसको पसंद नहीं होता है. लोग बड़े समय और ध्यान देकर अपने सपने का आशियाना तैयार करते हैं. हालांकि, कई लोग निवेश के लिए भी प्रॉपर्टी में पैसा लगाते हैं, जिससे बेहतर रिटर्न मिल सके. लोग जमीन, मकान खरीदने के बाद उसकी रजिस्ट्री कराते हैं. इससे उन लोगों को लगता है कि अब वह प्रॉपर्टी के मालिक हो गए हैं. हालांकि, ऐसा नहीं है. रजिस्ट्री पेपर के पास होने मात्र से प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक नहीं मिल जाता है. इस गलतफहमी को दिल से निकाल देना चाहिए. किसी भी प्रॉपर्टी के स्वामी बनना चाहते हैं तो इसके लिए एक और पेपर की जरूरत होती है.

नामंतरण

किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने के बाद महज उसकी रजिस्ट्री कराने से चुप नहीं बैठना चाहिए. रजिस्ट्री कराने मात्र से आप उस संपत्ति के मालिक नहीं बन जाएंगे. इसके लिए प्रॉपर्टी का नामंतरण यानी म्यूटेशन जरूर चेक कर लेना चाहिए. केवल सेल डीड से ही नामांतरण नहीं हो जाता है.

मालिकाना हक

बता दें कि किसी भी प्रॉपर्टी की सेल डीड और नामांतरण दो अलग-अलग चीजें होती हैं. अक्सर लोग ये मानते हैं कि रजिस्ट्री कराने मात्र से प्रॉपर्टी उनके नाम हो जाती है. हालांकि, ऐसा नहीं है. जब तक किसी भी प्रॉपर्टी का नामांतरण नहीं हो जाता, संपत्ति उस इंसान की नहीं मानी जाती है.

प्रकार

भारत में अचल संपत्ति 3 तरही की होती हैं. खेती की जमीन, आवासीय जमीन और तीसरी औद्योगिक जमीन. इन तीनों ही तरह की जमीनों का नामांतरण भी अलग-अलग होता है. जब भी कोई प्रॉपर्टी सेल डीड के माध्यम से खरीदी जाए तो नामांतरण भी करवा लेनी चाहिए.

कौन करता है नामंतरण

खेती की जमीन नामांतरण इलाके का पटवारी करता है. जबकि, आवासीय भूमि से संबंधित सभी दस्तावेजों का रिकॉर्ड क्षेत्र की नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद या ग्राम पंचायत करता है. वहीं, औद्योगिक जमीन का रिकॉर्ड जिले के औद्योगिक विकास केंद्र सो होता है. 

{}{}