trendingNow11885852
Hindi News >>पाकिस्तान-चीन
Advertisement

India-China LAC: पुल, सुरंगें और हवाई पट्टी...LAC पर ड्रैगन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब; ऐसा है भारत का 'फुल प्रूफ प्लान'

India-China Conflict: राजीव चौधरी ने कहा कि 60 साल में सिर्फ दो सुरंगें बनाई गई थीं लेकिन पिछले तीन साल में चार सुरंगें बनाई गई हैं. उन्होंने कहा, ‘हम फिलहाल 10 सुरंगों पर काम कर रहे हैं, जो अगले साल तक तैयार हो जाएंगी और आठ और सुरंगों की योजना बनाई गई है.’ 

India-China LAC:  पुल, सुरंगें और हवाई पट्टी...LAC पर ड्रैगन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब; ऐसा है भारत का 'फुल प्रूफ प्लान'
Stop
Rachit Kumar|Updated: Sep 24, 2023, 08:47 PM IST

India -China War: अकसर खबरें आती हैं कि चीन भारत से लगी सीमा पर तेजी से निर्माण कर रहा है. लेकिन भारत भी इसमें पीछे नहीं है. ड्रैगन की विस्तारवादी नीतियों और बुरे मंसूबों को देखते हुए भारत भी LAC पर खुद को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. 

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने रविवार को कहा कि भारत पिछले तीन वर्षों में चीन से लगी सीमा पर कई निर्माण गतिविधियां कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से बजट और नई तकनीकें मिली हैं, जिस वजह से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बीआरओ पूरा कर रहा है. उनके मुताबिक, पिछले दो वर्षों में बीआरओ के बजट में 100 प्रतिशत का इजाफा किया है.

'300 प्रोजेक्ट्स हुए पूरे'

जब पूछा गया कि क्या चीन भारत के सीमाई इलाकों के पास बड़े बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है. इस पर महानिदेशक ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में चीन सीमा पर बीआरओ और बाकी एजेंसियां भी काफी निर्माण गतिविधियां कर रही हैं. पिछले कुछ वर्षों के दौरान 8,000 करोड़ रुपये की बीआरओ की लगभग 300 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में हमने 295 रोड प्रोजेक्ट्स, पुल, सुरंगें और हवाई पट्टी बनाई हैं. चार महीनों में हमारी 60 और परियोजनाएं तैयार हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि बीआरओ सड़क के निर्माण में स्टील का एक को-प्रोडक्ट स्टील स्लैग और प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहा है.

'चीन को छोड़ देंगे पीछे'

उन्होंने कहा, ‘आज बीआरओ के काम की गति काफी तेज है और इसमें सरकार का पूरा सहयोग है, चाहे वह बजट हो, मशीन हो, नयी तकनीक हो या प्रक्रियाओं का सरलीकरण हो. आप आश्वस्त रह सकते हैं कि हम अगले चार से पांच वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देंगे.’

बीआरओ के महानिदेशक ने कहा कि पिछली सरकार LAC के पास सड़क निर्माण को लेकर आशंकित थी.

चौधरी ने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने 2008 में संसद में बयान दिया था कि चीन उन्हीं सड़कों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सकता है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन आज, सरकार अलग तरीके से सोच रही है. हमारी परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.’

'60 साल में बनीं बस दो सुरंगें'

राजीव चौधरी ने कहा कि 60 साल में सिर्फ दो सुरंगें बनाई गई थीं लेकिन पिछले तीन साल में चार सुरंगें बनाई गई हैं. उन्होंने कहा, ‘हम फिलहाल 10 सुरंगों पर काम कर रहे हैं, जो अगले साल तक तैयार हो जाएंगी और आठ और सुरंगों की योजना बनाई गई है.’ उन्होंने बताया कि सुरंगें सबसे तेज और हर मौसम में कनेक्टिविटी देने में काबिल हैं.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, तवांग और अन्य क्षेत्रों में ऊंचाई वाले इलाकों में सड़कों के बंद रहने के समय को घटाने के लिए बीआरओ बर्फ हटाने के लिए नई तकनीक और मशीन का इस्तेमाल कर रहा है. जोजी ला दर्रे का उदाहरण देते हुए चौधरी ने कहा कि यह बर्फ के कारण अक्टूबर से छह महीने तक बंद रहता था. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सड़क के बंद रहने का समय घट गया है.

बीआरओ के प्रोजेक्ट्स पर महानिदेशक ने कहा कि उसने डेमचोक में 19,000 फुट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का निर्माण किया. चौधरी ने कहा, ‘करीब 40 दिन पहले, हमने 15,000 फुट की ऊंचाई पर हानले में एक सुरंग शुरू की थी.’ सभी सड़कें माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप से ज्यादा ऊंचाई पर हैं.

(इनपुट-पीटीआई)

Read More
{}{}