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'मुझे जेल में डाल दें..' इमरान खान का बगावती तेवर जारी, शहबाज सरकार को दे दी खुली चुनौती

Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह देश में कानून के शासन के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और अगर सरकार उन्हें जेल में डाल देती है, तो भी वह न तो कोई समझौता करेंगे और न ही आत्मसमर्पण करेंगे.

'मुझे जेल में डाल दें..' इमरान खान का बगावती तेवर जारी, शहबाज सरकार को दे दी खुली चुनौती
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Gunateet Ojha|Updated: Jun 20, 2023, 01:11 AM IST

Pakistan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह देश में कानून के शासन के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और अगर सरकार उन्हें जेल में डाल देती है, तो भी वह न तो कोई समझौता करेंगे और न ही आत्मसमर्पण करेंगे. यूट्यूब के माध्यम से रविवार शाम राष्ट्र को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि उनकी लड़ाई उनके देश और इसके लोगों के बेहतर भविष्य के लिए है.

खान ने कहा, 'भले ही वे मुझे जेल में डाल दें, मैं न तो कोई समझौता करूंगा और न ही आत्मसमर्पण करूंगा. मैं कानून के शासन और अपने देश के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए लड़ाई जारी रखूंगा.' पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 70 वर्षीय प्रमुख 19 मामलों में अपनी अग्रिम जमानत की अवधि बढ़ाने का आग्रह करने के लिए सोमवार को लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे.

खान 140 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. ज्यादातर मामले आतंकवाद, जनता को हिंसा के लिए उकसाने, आगजनी, ईशनिंदा, हत्या के प्रयास, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से संबंधित हैं. इस बीच, पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि लाहौर में पुलिस ने पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी शुमैला सत्तार सहित पीटीआई के 30 कार्यकर्ताओं को रविवार को खान से उनके लाहौर स्थित जमान पार्क स्थित आवास पर मिलने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

सत्तार राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम की पूर्व सदस्य हैं. अधिकारी ने कहा कि सैन्य अदालतों में आम लोगों पर मुकदमों के खिलाफ याचिका दायर करने वाले एक वरिष्ठ वकील का लाहौर में खान से मिलने के बाद 'अपहरण' कर लिया गया. लाहौर पुलिस ने कहा कि नौ मई को लाहौर में कोर कमांडर हाउस पर हमले के सिलसिले में सत्तार को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने कहा कि जियो-फेंसिंग के जरिए उनकी पहचान की गई और न्यायिक रिमांड पर उन्हें जेल भेज दिया गया. खान ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अजीज भंडारी का अपहरण (एजेंसियों द्वारा) तब कर लिया गया, जब उन्होंने जमान पार्क स्थित उनके निवास पर उनसे मुलाकात की. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता भंडारी ने सैन्य अदालतों में आम लोगों पर मुकदमे के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी.

खान ने कहा, ‘‘यह देश में पूरी तरह से मार्शल लॉ है.’’ नौ मई की हिंसा के सिलसिले में जेल से छूटे पीटीआई के 30 कार्यकर्ता खान से मिलना चाहते थे और सार्वजनिक अव्यवस्था अधिनियम के तहत उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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