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Pakistan: ‘हां, सेना राजनीति में शामिल थी’- जाते-जाते पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने स्वीकार किया सच

Pakistan Army: पाकिस्तानी से जनरल क़मर जावेद बाजवा ने कहा कि दुनिया भर की सेनाओं की शायद ही कभी आलोचना की जाती है 'लेकिन हमारी सेना की अक्सर आलोचना की जाती है. मुझे लगता है कि इसका कारण राजनीति में सेना की भागीदारी है. 

पाक आर्मी चीफ जनरल क़मर जावेद बाजवा (फाइल फोटो)
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Zee News Desk|Updated: Nov 23, 2022, 10:05 PM IST

Pakistan Politics: पाकिस्तान में जल्द ही नए सेना प्रमुख की नियुक्ति होनी है क्योंकि मौजूदा आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. इस बीच बाजवा ने बड़ा बयान दिया है. Dawn  के मुताबिक जनरल क़मर जावेद बाजवा ने स्वीकार किया कि सैन्य प्रतिष्ठान राजनीति में शामिल थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सेना ने 'राजनीति में हस्तक्षेप' बंद करने का फैसला किया है.

सेना प्रमुख ने यह बात रक्षा और शहीद दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि दुनिया भर की सेनाओं की शायद ही कभी आलोचना की जाती है 'लेकिन हमारी सेना की अक्सर आलोचना की जाती है. मुझे लगता है कि इसका कारण राजनीति में सेना की भागीदारी है. इसलिए फरवरी में सेना ने राजनीति में दखल नहीं देने का फैसला किया.' 

'कई क्षेत्रों ने सेना की आलोचना की'
जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा, 'कई क्षेत्रों ने सेना की आलोचना की और अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया, सेना की आलोचना करना (राजनीतिक) दलों और लोगों का अधिकार है, लेकिन इस्तेमाल की जाने वाली भाषा (सावधानी बरतनी चाहिए).’

Dawn के मुताबिक समारोह की शुरुआत बाजवा ने यह कहकर की कि सेना प्रमुख के तौर पर यह उनका आखिरी संबोधन है. उन्होंने कहा, ‘मैं जल्द ही रिटायर हो रहा हूं. इस बार, यह (समारोह आयोजित किया जा रहा है) कुछ देरी के बाद.’ बता दें रावलपिंडी के जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में प्रतिवर्ष रक्षा 1965 के युद्ध के शहीदों के बलिदान को याद करने के लिए 6 सितंबर को और शहीद दिवस समारोह आयोजित किया जाता है. हालांकि, इस साल देश भर में बाढ़ पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इसे स्थगित कर दिया गया था.

'राजनीतिक स्थिरता अनिवार्य है'
पाक आर्मी चीफ ने कहा कि देश ‘गंभीर आर्थिक मुद्दों का सामना कर रहा है और कोई भी पार्टी देश को वित्तीय संकट से बाहर नहीं निकाल सकती है. उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक स्थिरता अनिवार्य है और समय आ गया है कि सभी राजनीतिक हितधारकों को अपने अहंकार को अलग करना चाहिए, पिछली गलतियों से सीखना चाहिए, आगे बढ़ना चाहिए और पाकिस्तान को इस संकट से बाहर निकालना चाहिए.‘

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