Pakistan financial crisis 2023: पाकिस्तान अपने लोगों का पेट भरने के साथ पुराना कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज मांगने के लिए UAE, सऊदी अरब, चीन, अमेरिका और आईएमएफ (IMF) के आगे लगातार मिन्नतें करते हुए गिड़गिड़ा रहा है, लेकिन कोई उसकी मदद करने को राजी नहीं है. पाकिस्तान की छटपटाहट को देखते हुए चीन ने ऐतिहासिक ऊंची ब्याज दरों पर लोन देने की शर्त रखी है तो IMF उसकी बार-बार भीख मांगने की आदत को देखते हुए पहले उसे सुधारने के लिए कड़ी शर्तें लाद रहा है.
भारत की बात मानो वरना...
पाकिस्तान सात दशकों में अब तक 23 बार आईएमएफ से कर्ज की भीख मांग चुका है. वहीं न्यूज़ एजेंसी 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक संकट में फंसे दुनिया के देशों को आईएमएफ से इसलिए कर्ज मिलने में अप्रत्याशित देरी हो रही है क्योंकि चीन और पश्चिमी देशों के बीच कर्ज राहत किस तरह से दी जाए, इसे लेकर विवाद चल रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे जांबिया को IMF से कर्ज मिलने में 271 दिन और श्रीलंका को बेलआउट पैकेज लेने में तो 200 से ज्यादा दिन लग गए थे. आसमान छूती महंगाई के बीच पाकिस्तानी इकॉनमी दम तोड़ रही है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार कभी भी खत्म हो सकता है. अपनी नाकामियों के लिए खुद के गिरेबान में झांकने के बजाए पाकिस्तान के नेता अब IMF के मत्थे दोस मढ़ रहे हैं.
विशेषज्ञों ने बताया आखिरी रास्ता
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने देश को भिखारी बता चुके हैं. ऐसे में पाकिस्तानी विशेषज्ञ अब पाकिस्तान को इस संकट से बचने के लिए पाकिस्तान सरकार को अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक उसी तरह से सुधारने की सलाह दे रहे हैं, जैसा भारत ने 1990 के दशक में किया था. पाकिस्तानी मीडिया में इन एक्सपर्ट ने चीख-चीख कर हुक्मरानों ने देश को संकट से निकालने का आखिरी रास्ता बताया है. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत की राह पर नहीं चला तो उसे और ज्यादा शर्मनाक स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा. क्योंकि अगली बार लोन देने वाले हम पर और ज्यादा कड़ी शर्तें लाद देंगे.
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