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पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का कर्ज देने से पहले इमरान खान से क्यों मिले IMF के अधिकारी, बैठक में क्या हुआ?

Pakistan Economy: आईएमएफ ने 30 जून को घोषणा की भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को नए कार्यक्रम के तहत 3 अरब डॉलर का कर्ज दिया जाएगा. इस मिलने वाली  मदद को पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी माना जा रहा है.  

पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का कर्ज देने से पहले इमरान खान से क्यों मिले IMF के अधिकारी, बैठक में क्या हुआ?
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Zee News Desk|Updated: Jul 08, 2023, 07:15 AM IST

Imran Khan News: पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी नेता और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारियों के एक बैठक की. रॉयटर्स के मुताबिक उनकी पार्टी पीटीआई ने यह जानकारी दी है कि बैठक के बाद खान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ हाल ही में हुए बेलआउट समझौते के लिए समर्थन व्यक्त किया.

बैठक में इमरान खान सरकार में वित्त मंत्री हम्माद अजहर भी शामिल हुए थे. उन्होंने  ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी आर्थिक टीम ने पिछले सप्ताह आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार के बीच कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर चर्चा की थी. उन्होंने कहा, 'इस संदर्भ में हम समग्र उद्देश्यों और प्रमुख नीतियों का समर्थन करते हैं.'

अज़हर ने कहा, ‘लाहौर में खान के आवास पर हुई बैठक में आईएमएफ अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया, जबकि मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर वर्चुअली शामिल हुए.’

राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर रहा है आईएमएफ
इससे पहले, आईएमएफ के स्थानीय प्रतिनिधि एस्तेर पेरेज़ रुइज़ ने एक बयान में कहा था कि राजनीतिक दलों के साथ बैठकें 'आने वाले राष्ट्रीय चुनावों से पहले एक नए आईएमएफ समर्थित कार्यक्रम के तहत प्रमुख उद्देश्यों और नीतियों के लिए उनके समर्थन का आश्वासन लेने के लिए थीं.'

बताया जा रहा है कि आईएमएफ 12 जुलाई हो ने जा रही अपने कार्यकारी बोर्ड की बैठक के ठीक पहले पाकिस्तान के हर एक पक्ष से नए कर्ज पर सहमति लेने की कोशिश में है. इस बैठक में पाकिस्तान को कर्ज दिए जाने के कर्मचारी स्तरीय समझौते पर अंतिम मुहर लग सकती है.

30 जून को की आईएमएफ ने बड़ी घोषणा
गौरतलब है कि आईएमएफ ने 30 जून को घोषणा की कि नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को नए कार्यक्रम के तहत 3 अरब डॉलर का कर्ज दिया जाएगा. इस मदद को पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी माना जा रहा है.  गौरतलब है कि पाकिस्तान भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.

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