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China Drone: ट्रेस, ट्रैक, टर्मिनेट...चीन ने लिया रूस-यूक्रेन वॉर से सबक, बना रहा ये घातक हथियार !

China Drone: विशेषज्ञों का मानना है कि चीन आने वाले दिनों की तैयारी के लिए अत्याधुनिक ड्रोन सिस्टम पर तेजी से काम कर रहा है. अभी चीनी सेना के पास जो ड्रोन हैं उनसे उस स्तर की कार्रवाइयां नहीं की जा सकतीं जैसी यूक्रेन की सेना ने अमेरिकी मदद से की है. इसलिए चीन ऐसे ड्रोन पर काम कर रहा है जो सोशल मीडिया पर उपलब्ध तस्वीर के आधार पर तुरंत किसी सैनिक अधिकारी को पहचान ले, उसकी गतिविधियों पर नजर रखे और पहचान कर उसपर हमला कर सकें. 

सांकेतिक तस्वीर
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Krishna Mohan Mishra|Updated: Jun 07, 2022, 04:02 PM IST

China Drone: ये किसी साइंस फिक्शन का हिस्सा लगता है पर ये सच हो सकता है. एक छोटा सा ड्रोन दुश्मन के सीनियर सैनिक अधिकारी की गाड़ी पर खामोशी से निशाना लगाता है. सीनियर अधिकारी की गाड़ी विस्फोट में उड़ जाती है और उसपर बैठे सभी लोग मारे जाते हैं. कुछ ही सेकंड के अंदर पूरी दुनिया में इस हमले की वीडियो फुटेज उस अधिकारी की तस्वीरों के साथ वायरल हो जाती है. 

अंदाज़ा लगाइए कुछ मिनट के अंदर ही दुश्मन की सेना और देश के मनोबल पर इसका क्या असर होगा. रूस-यूक्रेन युद्ध को बहुत ध्यान से देख रहा चीन अब अपनी सेना के लिए ऐसे ही स्मार्ट ड्रोन विकसित करने की तैयारी कर रहा है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सीनियर अफसरों को ट्रैक करेंगे और उन्हें मार देंगे. 

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रूस-यूक्रेन युद्ध को हो चुके हैं तीन महीने

 सैन्य महाशक्ति रूस को बहुत कम शक्तिशाली यूक्रेन ने तीन महीने से ज्यादा समय से उलझा रखा है. यूक्रेन की सैनिक ताकत में बहुत बड़ा हिस्सा उन ड्रोन का है, जिन्हें उसने तुर्की या अमेरिका से हासिल किया है. शुरुआत के दिनों में जब रूस और यूक्रेन के जंगी जहाज आमने-सामने थे तो अमेरिकी ड्रोन ने आसमान से रूसी जहाजों पर नजर रखी और उनकी सटीक जानकारी यूक्रेन को दी जिससे उसे अचूक हमला करने में मदद मिली.

रूसी कमांडरों को चुन-चुनकर मारा

यूक्रेनी सेना ने रूस के बड़े कमांडरों को ड्रोन हमलों में चुन-चुनकर मार दिया जो ठिकाने की सटीक जानकारी के बाद भी संभव है. यूक्रेनी सेना के पास अमेरिकी इंटेलिजेंस के जरिए रूसी सैनिक काफिलों के रास्ते, निकलने के समय, सुरक्षा के बंदोबस्त जैसी सारी जानकारियां थीं, जिनकी वजह से उन्होंने रूसी सप्लाई चेन पर कारगर हमले किए और उसे भारी नुकसान पहुंचाया. इन काफिलों पर ज्यादातर हमले ड्रोन के जरिए किए गए. 

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चीन सीख रहा युद्ध से सबक

चीन इस समय ताइवान के साथ सबसे ज्यादा गहरे तनाव की स्थिति में है. चीन को ये आशंका भी है कि ताइवान के साथ संघर्ष शुरू होने पर अमेरिका सैनिक हस्तक्षेप कर सकता है. रूसी सेनाओं को हो रहे भारी नुकसान का चीन बहुत सावधानी से आकलन कर रहा है और उसे टालने के तरीके भी तलाश कर रहा है. 

विशेषज्ञों का मानना है कि चीन आने वाले दिनों की तैयारी के लिए अत्याधुनिक ड्रोन सिस्टम पर तेजी से काम कर रहा है. अभी चीनी सेना के पास जो ड्रोन हैं उनसे उस स्तर की कार्रवाइयां नहीं की जा सकतीं जैसी यूक्रेन की सेना ने अमेरिकी मदद से की है. इसलिए चीन ऐसे ड्रोन पर काम कर रहा है जो सोशल मीडिया पर उपलब्ध तस्वीर के आधार पर तुरंत किसी सैनिक अधिकारी को पहचान ले, उसकी गतिविधियों पर नजर रखे और पहचान कर उसपर हमला कर सकें. 

चीन अपनी इस कमी को खत्म करना चाहता है और ऐसे ड्रोन बनाना चाहता है कि जिनसे चौकसी रखी जा सके. दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके. दुश्मन के ऊपर तुरंत सटीक हमला कर सके जिससे युद्ध को कम से कम समय में कामयाबी के साथ खत्म किया जा सके.   

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