China Taiwan Conflict: चीन और ताइवान के बीच तनाव काफी लंबे समय से बना हुआ है, लेकिन पिछले दिनों अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से आगबबूला हुए चीन ने अमेरिका और ताइवान को बुरे अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली. यही नहीं, ड्रैगन ने ताइवान बॉर्डर पर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया और अब भी ऐसा माहौल है मानो चीन कभी भी ताइवान पर आक्रमण कर सकता है. इसके अलावा वह लगातार अमेरिका को भी धमकी दे रहा है. पर इन सबके बीच एक छोटे से देश ने चीन की सारी हेकड़ी निकाल दी है. दरअसल, चीन की तमाम आपत्तियों के बाद भी कैरेबियन सागर के एक छोटे से देश सेंट विंसेंट (St. Vincent) और ग्रेनेडाइंस के प्रधानमंत्री राल्फ गोंजाल्विस हाल ही में ताइवान की 6 दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं.
ताइवान की राष्ट्रपति ने की तारीफ
राल्फ गोंजाल्विस के ताइवान पहुंचने पर ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने सोमवार को उनका जोरदार स्वागत किया और उनकी तारीफ में कहा कि, ‘युद्धाभ्यास और तनाव के माहौल में भी वह यहां पहुंचे हैं, ये काबिले तारीफ है. प्रधानमंत्री गोंजाल्विस ने हाल के दिनों में यह भी कहा था कि चीनी सैन्य अभ्यास उन्हें ताइवान में दोस्तों से मिलने से नहीं रोक सकता. इस बयान ने हमें गहराई से छुआ है.’ बता दें कि सेंट विंसेंट उन देशों में से एक है जिससके ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध हैं.
मतभेदों को सभ्य और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना जरूरी
वहीं, प्रधानमंत्री गोंजाल्विस ने कहा कि, वह ताइवान के साथ एकजुटता, द्वीपक्षीय संबंधों को मजबूत करने आए हैं. उन्होंने कहा कि हम ये पसंद नहीं करते कि कोई शक्तिशाली देश अपने पड़ोसियों को डराए-धमकाए. मतभेद को सभ्य और शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाना जरूरी है. मालूम हो कि गोंजाल्विस 12वीं बार ताइवान की यात्रा पर पहुंचे हैं. वह प्रधानमंत्री के रूप में 11 बार ताइवान का दौरा कर चुके हैं. इससे साफ होता है कि दोनों के बीच में कितने मजबूत संबंध हैं.
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