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Planetarium in Tibet: चीन ने ‘रूफ ऑफ द वर्ल्ड’ पर शुरू किया ये मेजर प्रोजेक्ट, जानें क्या है मकसद

Planetarium in Tibet: दुनिया की सबसे ऊंची जगह तिब्बत में चीन ने एक प्लेनेटोरियम का निर्माण शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लेनेटोरियम का काम साल 2024 तक पूरा करने का प्लान है और इसके सालाना एक लाख से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने का अनुमान है.

Planetarium in Tibet: चीन ने ‘रूफ ऑफ द वर्ल्ड’ पर शुरू किया ये मेजर प्रोजेक्ट, जानें क्या है मकसद
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Updated: Jun 13, 2022, 10:08 PM IST

China constructing planetarium in Tibet: चीन की विस्तारवादी नीति से पड़ोसी मुल्क भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देश परेशान हैं. यही वजह है कि बीते दिन भारत ने सीधे तौर पर चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि ड्रैगन की हर हरकत पर उसकी नजर बनी हुई है. चीन ने अब तिब्बत में एक नया कदम उठाया है जिसके तहत ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज करने के लिए 'रूफ ऑफ द वर्ल्ड’ पर एक प्लेनेटोरियम निमार्ण कार्य शुरू हो गया है. 

तिब्बत में बना रहा प्लेनेटोरियम

दुनिया की सबसे ऊंची जगह तिब्बत में चीन ने एक प्लेनेटोरियम का निर्माण शुरू कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लेनेटोरियम का काम साल 2024 तक पूरा करने का प्लान है और इसके सालाना एक लाख से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने 'रूफ ऑफ द वर्ल्ड’ के जरिए ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज की सुविधा मुहैया कराने का टारगेट रखा है.

क्या है इस प्रोजेक्ट का मकसद?

तिब्बत में ज्यादातर चीनी पर्यटकों और स्पेशल परमिशन वाले विदेशी नागरिकों को ही एंट्री करने की इजाजत है.तिब्बत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बताया कि प्लेनेटोरियम में इलाके की सबसे बड़ी ऑप्टिकल एस्ट्रोनोमिकल टेलीस्कोप होगी, जिसमें एक मीटर व्यास का लेंस लगा रहेगा और यह रिसर्च व पब्लिक साइंस एजुकेशन के लिहाज से एक अहम जिम्मेदारी निभाएगा.

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इसी तरह चीन ने कुछ महीने पहले LAC के करीब पास हॉट स्प्रिंग में तीन मोबाइल टावर बनाए थे. इसी तरह साल की शुरुआत में ड्रैगन की ओर से पैंगोंग झील पर पुल निर्माण किया गया था. हालांकि ये दोनों ही हिस्से तनाव क्षेत्र हैं जहां भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं. भारत ने चीन के इस कदम पर सख्त ऐतराज भी जताया था और हालात की समीक्षा की बात कही थी.

 

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