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US Vs China: सुपरपावर बनने के लिए चीन बांट रहा ऐसा बोनस, पिछड़ जाएंगे अमेरिका और यूरोप के ताकतवर देश

China Talent Bonus: एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने खुद को दुनिया की अग्रणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए नींव का निर्माण किया है, उसने कई महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन में उच्च प्रभाव वाले रिसर्च में सबको तेजी से पीछे छोड़ दिया है.

US Vs China: सुपरपावर बनने के लिए चीन बांट रहा ऐसा बोनस, पिछड़ जाएंगे अमेरिका और यूरोप के ताकतवर देश
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Shwetank Ratnamber|Updated: Apr 29, 2023, 12:56 PM IST

China have over 900 million quality workforce: चीन में एक ऐसी कहावत है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पहाड़ कितना ऊंचा है, लोग उसकी चोटी पर पहुंचकर अपना नाम अमर करते रहते हैं. लेकिन इससे उसकी बादशाहत में फर्क नहीं पड़ता. वो हमेशा रोमांच और कौतूहल का विषय बना रहता है. दूसरी सच्चाई ये भी है कि इससे कतई कोई फर्क नहीं पड़ता कि पानी कितना गहरा है, जब तक उसमें ड्रेगन रहते हैं,वह आभा से भरा रहेगा. इसी तरह किसी देश के विकास के लिए लोगों की संख्या यानी आबादी सबसे महत्वपूर्ण चीज नहीं है, बल्कि उसके पास कितने प्रतिभाशाली लोग कितनी ज्यादा संख्या में है ये महत्वपूर्ण है. चीन ने अपनी पुरानी कहावतों से सबक लेते हुए अमेरिका और यूरोप के तमाम शक्तिशाली देशों को कई क्षेत्रों में कहीं पीछे छोड़ दिया है.

चीन का फंडा एकदम क्लियर

चीन दुनिया का सिरमौर यानी नई सुपरपावर बनना चाहता है. वो डॉलर के मुकाबले अपने युआन को विश्व व्यापार की मुद्रा बनाना चाहता है. चीन ने 5जी जैसे कई टेक्नालजी सेक्टर में अपनी अभूतपूर्व प्रगति करते हुए पूरी दुनिया में चीनी टैलेंट का लोहा मनवाया है. आर्टिफिशयल इंटेजीलेंस हो या चीन का आर्टिफिशियल यानी कृतिम सूरज सब ये बताते हैं कि चीन में प्रतिभा यानी टैलेंट की कितनी कदर है. इन बातों को इस बात से भी समझा जा सकता है कि प्रतिभा पलायन यानी ब्रेन ड्रेन (Brain drain) को रोकने के लिए वो लंबे समय से काम कर रहा है, इसके लिए चलाई गई योजनाएं सफल रही है.

चीन का ब्रह्मास्त्र 90 करोड़ मैनपावर

ऐसे में चीन सरकार की ओर से दिया जा रहा टैलेंट बोनस (Talent Bonus) भी देश में प्रतिभाओं के बड़े पैमाने पर विकास और उनके पूर्ण उपयोग की थीम को बखूबी पूरा करता है. इस टैलेंट बोनस के कारण काम की क्वालिटी और रफ्तार में तेजी से सुधार आया है. इसकी वजह से आर्थिक लाभों को सही तरह से प्रदर्शित करने में आसानी हुई है. दरअसल चीन की आबादी 1.4 अरब से अधिक है, जिनमें से लगभग 90 करोड़ कामकाजी उम्र के हैं, और हर साल 1.5 करोड़ से अधिक नए श्रमिक जुड़ते हैं. यानी इतना बड़ा मैनपावर को अमेरिका और यूरोप के कई देशों को मिलाने के बाद भी नहीं है. ये चीज चीन के फेवर में जाती है. इसलिए वो टैलेंट बोनस के दम पर पूरी दुनिया के हर क्षेत्र में अपना सिक्का जमाना चाहता है. चीन ने कुछ दिनों पहले कहा था कि उसके पास अभी भी 900 मिलियन से अधिक 'गुणवत्ता' कार्यबल (China have over 900 million quality workforce) काबिल यानी स्किल्ड लोग हैं.

टैलेंट से पिछड़ा अमेरिका और यूरोप

उन्नत तकनीकों को विकसित करने और प्रतिभा को बनाए रखने के लिए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश चीन के साथ दौड़ हार रहे हैं. बीजिंग संभावित रूप से कुछ क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित कर रहा है. थिंकटैंक द ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा एक साल की लंबी परियोजना में ट्रैक की गई 44 तकनीकों में से 37 के साथ चीन सबसे आगे है. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बैटरी, हाइपरसोनिक्स और 5जी और 6जी जैसे उन्नत रेडियो-फ्रीक्वेंसी संचार शामिल हैं.

 

चीन को पॉलिसी में एजुकेशन के साथ टैलेंट पर फोकस

यहां पर आपको बताने वाली एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली चीन की जनसंख्या 24 करोड़ से अधिक हो गई है. वहीं दूसरी ओर चीन की नई युवा श्रम शक्ति (यूथ वर्क फोर्स) की शिक्षा के औसत वर्ष 14 वर्ष तक पहुंच गए, जो कामकाजी उम्र की आबादी की शिक्षा के औसत वर्षों (10.9 वर्ष) से कहीं अधिक है. इसका सीधा सा मतलब ये है कि चीन की श्रम शक्ति की गुणवत्ता तेजी से सुधार के चरण में प्रवेश कर चुकी है. ये आंकड़े स्पष्ट रूप से मात्रा और गुणवत्ता, जनसंख्या और प्रतिभा के बीच परस्पर संबंध की पुष्टि करते हैं.

शिक्षा प्रौद्योगिकी में लगातार बढ़ रहा निवेश

चीन में शी जिनपिंग की सरकार समाज और अर्थव्यवस्था के निरंतर, त्वरित और समग्र विकास के लिए, शिक्षा प्रौद्योगिकी में निवेश बढ़ा रही है. इससे अधिकांश श्रमिकों की गुणवत्ता (क्वालिटी) और कौशल स्तर (स्किल लेवल) में काफी सुधार हुआ है. वहीं चीन मानव संसाधनों के एक बड़े देश से मानव पूंजी के एक बड़े देश में बदल रहा है. इससे तकनीकी नवाचार को प्रभावी ढंग से बढ़ावा मिला है, चीन की श्रम उत्पादन क्षमता में अभूतपूर्व सुधार हुआ है. टैलेंट बोनस जैसे आइडिया से चीन की अर्थव्यवस्था के परिवर्तन और उन्नयन को बढ़ावा मिला है. वहीं देश के थिंक टैन ने इस प्रतिभा कौशल यानी टैलेंट बोनस की मदद से निकले प्रोडक्ट्स के जरिए धन बनाने की चीन की क्षमता की स्थिर प्रगति का समर्थन किया है.

(इनपुट- चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)

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