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China Corona Crisis: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चीन ने किया ऐसा काम, भड़क उठे इस देश के रसूखदार लोग

China lockdown: एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाली व्यापारियों के 300 से ज्यादा कंटेनर इन दोनों बॉर्डर प्वाइंट पर फंसे हुए हैं. नेपाल के व्यापारियों को पूरे साल इन त्योहारों का इंतजार रहता है क्योंकि इन दौरान उनकी अच्छी कमाई होती है. चीन के लॉकडाउन के फैसले से नेपाल के कई व्यापारी काफी दुखी हैं.

Photo: Social media
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Manish Shukla|Updated: Aug 22, 2022, 12:33 PM IST

Nepal business down while China lockdown: चीन (China) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण  के बढ़ते मामलों के चलते नेपाल से सटे (China-Nepal Border) अपने इलाकों में लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया है. इसी कार्रवाई के तहत नेपाल (Nepal) से सटे रसुवागढ़ी (Rasuwagadhi) और तोतापानी (Tatopani) बार्डर प्वाइंट्स सील कर दिए हैं. इस वजह से नेपाल के सैकड़ों कंटेनर चीन में फंस गये हैं. चीन के इस फैसले को लेकर नेपाल के व्यापारियों में काफी गुस्सा है. चीन ने तोता पानी बार्डर प्वाइंट को इस महीने की 10 अगस्त और रसुवागढी बॉर्डर प्वाइंट को 14 अगस्त से व्यापार के लिए बंद कर दिया है. व्यापारियों में बढ़ती नाराजगी के चलते नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का (Narayan Khadka) ने चीन से सटे इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है.

लॉकडाउन के फैसले से व्यापारियों में रोष 

नेपाल में त्योहारों के चलते नेपाली व्यापारियों ने चीन से काफी बड़ी मात्रा में समान का आर्डर किया हुआ है जिसमें कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान, फुटवेयर और खाने पीने की चीज़ें हैं. नेपाली व्यापारियों के मुताबिक चीन आये दिन कोविड के नाम पर बॉर्डर प्वाइंट को सील कर देता है. जिसकी वजह से नेपाल के लोगों को काफी दिक्कतें आती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाली व्यापारियों के 300 से ज्यादा कंटेनर इन दोनों बॉर्डर प्वाइंट पर फंसे हुए हैं. नेपाल के व्यापारियों को पूरे साल इन त्योहारों का इंतजार रहता है क्योंकि इन दौरान उनकी अच्छी कमाई होती है. चीन के लॉकडाउन के फैसले से नेपाल के कई व्यापारी काफी दुखी हैं.

कोलकाता बॉर्डर का सहारा

चीन की तरफ से बॉर्डर सील किये जाने के बाद अब नेपाल के कई व्यापारियों ने कोलकाता बॉर्डर के जरिये नेपाल में समान को आयात करने का फैसला किया है. हालांकि कोलकाता पोर्ट से समान नेपाल तक लाने में दो महीने तक का वक्त लग सकता है. नेपाली लोगों का कहना है कि अगर चीन उन्हें पहले ही ये बता देता कि वो दोनों व्यापारिक बार्डर सील करने जा रहे हैं  तो उन्हें कोलकाता पोर्ट से अपने कंटेनर को आयातित करवा लेते. ये बताया जा रहा है कि नेपाल के कितने कंटेनर चीन की तरफ फंसे हुए है उसका आधिकारिक आंकड़ा नेपाल सरकार के पास मौजूद नहीं है.

गर्मा रहा है मामला

रसुवागढी (Rasuwagadhi) और तोतापानी (Tatopani) बार्डर प्वाइंट्स को आये दिन चीन की तरफ से सील किये जाने का मुद्दा अब गरमाता जा रहा है. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने चीनी अधिकारियों से इसे लेकर कई बार बातचीत पहले भी की है. चीन का कहना है कि जैसे ही कोविड केस में कमी आयेगी वो दोबारा नेपाल के लोगों के लिए अपने बॉर्डर प्वाइंट्स को खोल देगें.

नेपाल में कारोबारी जड़ें फैला रहा 'ड्रैगन'

नेपाल सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल और चीन के बीच व्यापार में मजबूती आई है और पिछले एक साल में इसमें 13.19 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गई है. नेपाल चीन से हर साल करीब 264.78 बिलयन नेपाली रुपये का सामान आयात करता है.

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