trendingNow11592925
Hindi News >>जरा हटके
Advertisement

Shocking: जंगल में 31 दिन बिताकर लौटा शख्स, बोला- जीने के लिए खाता था कीड़े-मकौड़े, पीता था पेशाब

Survival Story: लगभग 31 दिनों तक अमेजन रेनफॉरेस्ट (Amazon Rainforest) में फंसे रहने के बाद बोलीविया में एक व्यक्ति को बचाया गया. जॉनाथन अकोस्टा (Jhonathan Acosta) नाम के शख्स के पास जिंदा रहने के लिए कीड़े-मकोड़े खाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. 

 
Shocking: जंगल में 31 दिन बिताकर लौटा शख्स, बोला- जीने के लिए खाता था कीड़े-मकौड़े, पीता था पेशाब
Stop
Alkesh Kushwaha|Updated: Mar 02, 2023, 11:00 AM IST

Man Rescued From Amazon: लगभग 31 दिनों तक अमेजन रेनफॉरेस्ट (Amazon Rainforest) में फंसे रहने के बाद बोलीविया में एक व्यक्ति को बचाया गया. जॉनाथन अकोस्टा (Jhonathan Acosta) नाम के शख्स के पास जिंदा रहने के लिए कीड़े-मकोड़े खाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. डेली मेल के अनुसार, साउथ अमेरिकी रेनफॉरेस्ट के साउथवेस्ट में बाउरेस मुन्सीपैलिटी में एक सर्च पार्टी द्वारा एक महीने बाद 30 वर्षीय शख्स को बचाया गया. यह एक हंटिंग ट्रिप के दौरान था कि अकोस्टा गलती से अपने दोस्तों से अलग हो गया और उसने कहा कि उसे जिंदा रहने के लिए अपने जूतों में पानी इकट्ठा करना पड़ा.

जिंदा रहने के लिए शख्स को पीड़ा पड़ा पेशाब

एक समय पर, आदमी ने जिंदा रहने के लिए अपना पेशाब पीने का भी सहारा लिया. बोलिवियन टीवी नेटवर्क, यूनिटेल टीवी के साथ एक बातचीत के दौरान, उस आदमी ने खुलासा किया कि वह जिंदा रहने की तकनीक के बारे में जानकर खुश था जिसने अंततः उसके बचाए रखने में उसकी मदद की. एकोस्टा ने पुष्टि की कि उन्हें कई जानवरों ने काटा और उन पर हमला किया और उन्हें कीड़े भी खाने पड़े. उसने कहा, "इससे जिंदा रहने की तकनीकों के बारे में जानने में बहुत मदद मिली: मुझे कीड़े खाने पड़े, अपना पेशाब पीना पड़ा. मुझ पर जानवरों ने हमला भी किया.”

जंगल में शख्स का हुआ था जगुआर से सामना

उस व्यक्ति ने दावा किया कि वह जगुआर के साथ आमना-सामना भी किया और वह झगड़े में चमत्कारिक रूप से बच निकला. उसने पेड़ की जड़ें भी खा लीं और जब बारिश बंद हो गई तो उसे अपना पेशाब पीने के लिए मजबूर होना पड़ा. अकोस्टा ने कहा कि उसने भगवान से बारिश की भीख मांगी. यह जनवरी के अंत में था जब उनके परिवार ने उन्हें शिकार यात्रा के बाद लापता होने की सूचना दी थी. उसके साथ चार दोस्त भी थे लेकिन 25 जनवरी को वह अलग हो गया. अकोस्टा ने कहा कि वह इलाके के आसपास की मानव सभ्यता की तलाश के लिए 40 किलोमीटर से अधिक चला.

अकोस्टा के परिवार ने उम्मीद नहीं खोई थी. एक सर्च पार्टी ने कथित तौर पर झाड़ियों के माध्यम से उसे मदद के लिए चिल्लाते हुए सुना. खोज दल पहले उससे डरा हुआ था, क्योंकि उसका रूप बहुत बदल गया था और वह आदमी बन्दूक लिए हुए था.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे

Read More
{}{}