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Bus With Computer: गांव के बच्चों को इस बस में मिल रहा कंप्यूटर का ज्ञान, हर सीट पर लगा है लैपटॉप

Viral Story: एक ऐसी मिनी बस है जिसकी हर सीट पर एक लैपटॉप लगा है. यह बस गांव में जाती है और वहां के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देने में मदद करती है. जो बच्चे शहर नहीं जा सकते या कंप्यूटर शिक्षा के लिए अलग से पैसे नहीं दे सकते उनके लिए यह वरदान है.

 
Laptop Bus
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Zee News Desk|Updated: Jul 27, 2022, 08:44 PM IST

Laptop Bus: बच्चे समाज, देश और दुनिया का भविष्य हैं और बच्चों का उज्ज्वल भविष्य शिक्षा में निहित है. आज के तकनीकी क्रांति के दौर में तकनीकी शिक्षा भी उतनी ही जरूरी है जितनी सामाजिक और किताबी शिक्षा. इसके लिए सबसे पहले तो बच्चों को कंप्यूटर का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. हमारे देश में आज भी कई ऐसे इलाके हैं जहां के बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में सरकार की ओर से ऐसी कई योजनाएं चलाई जाती हैं जिनकी मदद से इन इलाकों के बच्चे भी कंप्यूटर की पढ़ाई कर सकें और नए जमाने के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकें. ऐसे में एक बस है जो गांव के बच्चों को कम्प्यूटर का ज्ञान दे रही है. बता दें कि बस की हर सीट पर एक लैपटॉप लगाया गया है.

  1. गांव में निशुल्क कंप्यूटर की शिक्षा देती है बस
  2. 50 गांवों के 1300 बच्चों को दी जा चुकी है कंप्यूटर की ट्रेनिंग

बस में निःशुल्क दी जाती है कंप्यूटर क्लास

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में ग्रामोत्थान संसाधन केंद्र ने साल 2017 में मिली बस में कंप्यूटर क्लास का संचालन शुरू किया था. इस हाईटेक दौर में ग्रामीण इलाकों के बच्चे भी कंप्यूटर की शिक्षा ले सकें इसके लिए केंद्र ने यह शुरुआत की थी. केंद्र की इस पहल के बाद जिले के ग्रामीण इलाकों के बच्चों को कंप्यूटर की पढ़ाई करने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता है. इसके साथ ही ये शिक्षा बिल्कुल मुफ्त दी जाती है.

हॉर्न बजाते ही पहुंच जाते हैं बच्चे

यह मिनी बस जब गांव पहुंचती है तो ड्राइवर इसका हॉर्न बजाता है और बच्चे भागे-भागे चले आते हैं. बस की हर सीट पर एक लैपटॉप लगा हुआ है. एक सीट पर दो छात्र बैठते हैं. उन्हें हर दिन 2 घंटे कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है. तीन महीने का कोर्स पूरा होने पर बच्चों को बेसिक कंप्यूटर एप्लिकेशन का प्रमाण पत्र दिया जाता है.

50 गांवों के 1300 बच्चों को दी जा चुकी है कंप्यूटर की ट्रेनिंग

कंप्यूटर के टीचर मनीष श्रीवास्तव बताते हैं कि यह बस हर दिन तीन गावों में जाती है. तीन महीने का कोर्स पूरा होने के बाद अगले तीन गांवों को चुना जाता है. उन्होंने बताया कि अब तक 50 गांवों के करीब 1300 बच्चों को कंप्यूटर की ट्रेंनिंग दी जा चुकी है. आठवीं से दसवीं तक के बच्चे कंप्यूटर की पढ़ाई करने के लिए आते हैं. 2 सालों तक तो कोरोना महामारी की वजह से यह बस बंद थी, लेकिन हालात बेहतर हो गए हैं तो इसे फिर से शुरू किया गया है.

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