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स्कूली बच्चे ने कोचिंग के नाम पर लिए मां-बाप से इतने लाख रुपये, फिर ऐसे उड़ाता रहा PUBG में पैसे

स्कूली बच्चे ने कोचिंग के नाम पर लिया मां-बाप से इतने लाख रुपये, PUBG में उड़ाए पैसे

स्कूली बच्चे ने कोचिंग के नाम पर लिए मां-बाप से इतने लाख रुपये, फिर ऐसे उड़ाता रहा PUBG में पैसे
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Alkesh Kushwaha|Updated: Jul 19, 2023, 01:28 PM IST

Pubg Mobile Game In Uttar Pradesh: पबजी मोबाइल गेम (Pubg Mobile Game) इन दिनों उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. पबजी मोबाइल पर गेम खेलते-खेलते पाकिस्तान की सीमा हैदर को हिंदुस्तान के सचिन से प्यार हो गया और सीमा हैदर अपने पति को छोड़ 4 बच्चे लेकर हिंदुस्तान आ गई. पबजी मोबाइल गेम का साइड इफेक्ट कानपुर देहात में भी देखने को मिला. जहां क्लास 8 पास करने के बाद एक छात्र ने परिवार वालों को गुमराह कर अपना एडमिशन अकबरपुर के एक निजी स्कूल में कराने की बात कही और स्कूल ड्रेस, कॉपी, किताब, कोचिंग की फीस पबजी गेम में उड़ाता रहा.

पबजी खेलने का इतना बड़ा दीवाना

इतना ही नहीं, छात्र ने अपनी फर्जी ड्रेस भी बनवाई जिसका खुलासा छात्र के अचानक लापता हो जाने पर हुआ और 2 सालों में करीब डेढ़ से दो लाख रुपये छात्र ने पबजी मोबाइल गेम में बर्बाद कर दिए, जिसका सदमा छात्र का पूरा परिवार झेल रहा है. मामला कानपुर देहात जिले के जगनपुर गांव का है. जहां के रहने वाले 17 वर्षीय छात्र रामजी पाल पर पबजी मोबाइल गेम का नशा इस कदर हावी हुआ कि उसने अपने परिवार को गुमराह कर अपने भविष्य को खतरे में डाल दिया और लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये पबजी मोबाइल गेम खेल कर बर्बाद कर दिए.

रामजी को बढ़ने लगा पबजी मोबाइल गेम का नशा

छात्र के परिजनों की माने तो कक्षा-8 पास करने के बाद रामजी को पबजी मोबाइल गेम का नशा बढ़ने लगा, जिसके बाद उसे पैसों की जरूरत होने लगी. पैसों की पूर्ति करने के लिए छात्र ने तरकीब सोची और खुद का एडमिशन अकबरपुर स्थित ब्राइट एंजल स्कूल में कराने की बात कही और घर से पैसे लेकर एडमिशन कराने सहित ड्रेस, कॉपी, किताब और कोचिंग के पैसे लेने लगा और नियमित रूप में घर से विद्यालय के लिए जाने लगा. फर्जी रिजल्ट भी मोबाइल पर दिखा कर परिवार को भरोसे में लिए रहा. धीरे-धीरे 2 वर्ष बीत गए और अचानक जब छात्र लापता हो गया तो परिजन अकबरपुर स्थित ब्राइट एंजल स्कूल पहुंचे तो मानो उनके पांव तले जमीन खिसक गई.

छात्र का मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं 

स्कूल प्रबंधन ने बताया कि रामजी पाल नाम से कोई छात्र यहां नहीं है. जिसके बाद परिजनों ने थाना रुरा में शिकायती प्रार्थना पत्र देकर छात्र की गुमशुदगी दर्ज कराई हालांकि कानपुर देहात पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गुमशुदा छात्र को बरामद कर लिया जिसके बाद पूरा सच सामने आ गया. मोबाइल गेम के चलते छात्र का मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं है. परिजनों ने अपने बेटे की हालत देख अपील करते हुए कहा अब कोई भी अपने बच्चों को मोबाइल गेम न खेलने दे.

रिपोर्ट: आलोक त्रिपाठी

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