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Optical Illusion: 900 साल पुराने मंदिर में बनी ये चौंकाने वाली कलाकृति, जवाब से पता चलेगा कि आपकी कैसी है पर्सनैलिटी

Optical Illusion: यह ऑप्टिकल इल्यूजन तमिलनाडु के तंजावुर में ऐरावतेश्वर मंदिर में पाया गया था जहां एक बैल और एक हाथी की छवि एक में विलीन हो जाती है. तो, आपने सबसे पहले किस जानवर को देखा? जवाब भी आपकी पर्सनैलिटी बताएगा.

 
Optical Illusion: 900 साल पुराने मंदिर में बनी ये चौंकाने वाली कलाकृति, जवाब से पता चलेगा कि आपकी कैसी है पर्सनैलिटी
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Zee News Desk|Updated: Jul 08, 2022, 06:57 AM IST

900-Year-Old Indian Temple Optical Illusion: ऑप्टिकल इल्यूजन वाली तस्वीरें आपके दिमाग को झकझोर कर रख देती है, क्योंकि आप उस सवाल का हल ढूंढने की कोशिश में लगे होते हैं जो तस्वीर या कलाकृति में होती तो है लेकिन आसानी से दिखाई नहीं देती. देखने और समझने में काफी वक्त लग जाता है. इन दिनों सोशल मीडिया पर कई तरह की ऑप्टिकल इल्यूजन वाली तस्वीरें वायरल हो रही हैं, लेकिन क्या आपने कभी किसी कलाकृति वाली ऑप्टिकल इल्यूजन देखी है? अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको आम तस्वीरों से अलग मंदिर में बनी एक कलाकृति को दिखलाते हैं.

900 साल पुरानी मंदिर में ऑप्टिकल इल्यूजन

सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही यह तस्वीर एक 900 साल पुरानी मंदिर की है, जहां पर यह कलाकृति बनी हुई है. इस तस्वीर को देखकर आसानी से समझ पाना सबके बस की बात नहीं. तमिलनाडु के तंजावुर में ऐरावतेश्वर मंदिर में एक कलाकृति है जो दुनिया के सबसे पुराने ऑप्टिकल इल्यूजन्स में से एक है. तस्वीर में तमिलनाडु के तंजावुर में ऐरावतेश्वर मंदिर में पाई गई एक प्राचीन मूर्ति है. इस पुराने मंदिर के अवशेष कलात्मक प्रतिभा और मानसिक उत्कृष्टता के साथ मिश्रित भारतीय कला के चमत्कार दिखाते हैं.

आपने सबसे पहले क्या देखा हाथी या बैल?

भारत पर राज करने वाले सदियों पुराने साम्राज्यों ने अद्भुत भ्रमों के साथ चमत्कारी कृतियों को पीछे छोड़ दिया है. तो, आइए इस ऑप्टिकल इल्यूजन के बारे में समझने की कोशिश करते हैं. यह ऑप्टिकल इल्यूजन एक तरह का पर्सनैलिटी टेस्ट है जो आपको इस अवशेष में सबसे पहले दिखाई देने वाली छवि के आधार पर आपके पर्सनैलिटी का पता लगाने में मदद करता है. आप एक हाथी और एक बैल का एक ही सिर देख सकते हैं. 900 साल पुरानी यह मूर्ति चोल वास्तुकला की रचना है और ऐरावतेश्वर हिंदू मंदिर का हिस्सा है.

द्रविड़ वास्तुकला में बैल और हाथी को एक साथ मिला दिया गया

12वीं सदी की इस द्रविड़ वास्तुकला में बैल और हाथी को एक साथ मिला दिया गया है. यदि आप ऑप्टिकल इल्यूजन को करीब से देखें, तो बैल के सींग हाथी के दांत के रूप में काम करते हैं और अलग-अलग एंगल से देखने पर बैल का कान हाथी का मुंह होता है. कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सा जानवर छवि के किस तरफ है, स्थान ऐसा है कि आंखें आगे की ओर केंद्रित हैं. दोनों जानवर के पैर एक दूसरे से अलग हैं. अलग-अलग लोग तस्वीर की अलग-अलग व्याख्या कर रहे हैं. कुछ लोग जहां पहले बैल को देखते हैं, वहीं कई लोग पहले हाथी को देखते हैं.

आपका जवाब ही बताएगी आपकी पर्सनैलिटी

मूर्ति के बाईं ओर बैल है. बैल या नंदी, जिसे भगवान शिव के वाहन के रूप में भी जाना जाता है, मुख्य रूप से ईमानदारी, विश्वासयोग्यता, हठ, उग्रता, शक्ति और सकारात्मकता जैसे गुणों से जुड़ा है. यह दावा किया जा रहा है कि इन सभी गुणों वाले लोग सबसे पहले बैल को ढूंढते हैं. हाथी मूर्ति के दाहिनी ओर है. हिंदू पौराणिक कथाओं में, हाथी को शांति, दया, सम्मान, वफादारी और बुद्धिमत्ता से जोड़ा जाता है. भगवान इंद्र का वाहक होने के अलावा, हाथी को धन की देवी मां लक्ष्मी से भी जोड़ा जाता है. हाथी को सबसे पहले देखने वाले लोग दयालु और विचारशील माने जाते हैं.

पहली तस्वीर-

 

दूसरी तस्वीर-

optical Illusion

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