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मैं प्याज नहीं खाती..कोरोना भगवान की देन, जानिए सीतारमण कब-कब अपने बयानों पर हुईं ट्रोल

Sitharaman As Finance Minister: फिलहाल निर्मला सीताराम अपने पांचवें बजट को लेकर चर्चा में हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में उनका यह पांचवां बजट है. लेकिन वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण अक्सर अपने बयान को लेकर सुर्खियां में रही हैं. विपक्ष के नेता कई बार उनको निशाने पर ले चुके हैं.

मैं प्याज नहीं खाती..कोरोना भगवान की देन, जानिए सीतारमण कब-कब अपने बयानों पर हुईं ट्रोल
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Gaurav Prabhat Pandey|Updated: Feb 01, 2023, 04:48 PM IST

Nirmala Sitharaman Trolled Statements: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया है. अपने पांचवें बजट में सीतारमण ने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी सौगात दी है. इसके अलावा उन्होंने टैक्स स्लैब में बदलाव को लेकर बड़ा ऐलान किया, जिसके बाद सालाना 7 लाख रुपये तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण अक्सर अपने बयान को लेकर सुर्खियां में रही हैं. विपक्ष के नेता कई बार उनको निशाने पर ले चुके हैं. आइए नजर डालते हैं उनके कुछ पुराने बयानों पर जिनको लेकर विपक्ष के नेताओं ने उन पर निशाना साधा था.

कोरोना को बताया था 'एक्ट ऑफ गॉड'
पूरी दुनिया कोरोना से त्रस्त थी और मौतों का अंबार लगा हुआ था. भारत में भी मेडिकल सिस्टम के सामने कोरोना ने चुनौती खड़ी कर दी थी. ठीक इसी दौरान निर्मल सीतारमण का एक बयान सुर्ख़ियों में आ गया जब उन्होंने कहा कि कोरोना भगवान की देन है. असल में हुआ यह कि उस दौरान करीब दो साल पहले जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि कोरोना ‘एक्ट ऑफ गॉड’ है. इस बयान पर उनकी काफी आलोचना हुई थी.

'रुपया कमजोर नहीं, बल्कि डॉलर मजबूत'
दरअसल, निर्मला सीतारमण के वित्त मंत्री रहते हुए सबसे ज्यादा जी चीज की चर्चा रही वह यह कि डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत लगातार गिरती रही. रुपया अब तक के इतिहास में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. एक डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 80 रुपए तक पहुंच गई. सीतारमण के पिछले अमेरिकी दौरे पर मीडिया ने इस बात पर उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है.

'मैं प्याज नहीं खाती हूं, शाकाहारी हूं'
निर्मला सीतारमण के इस बयान पर तो संसद में ही हंगामा मच गया था. असल में 2019 में संसद के शीतकालीन सत्र में प्याज के बढ़े दामों को लेकर चर्चा चल रही थी तभी एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने के एक सवाल के एक जवाब में निर्मला सीताराम के मुंह से यह निकल गया कि मैं लहसुन-प्याज नहीं खाती हूं, मैं शाकाहारी हूं. उनके इस बयान पर विपक्षी सांसदों ने उन्हें घेर लिया और सोशल मीडिया पर भी आलोचना हुई. 

बजट 2023 को लेकर चर्चा में!
फिलहाल निर्मला सीताराम अपने पांचवें बजट को लेकर चर्चा में हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में उनका यह पांचवां बजट है. सीतारमण ने अपने 90 मिनट के बजट भाषण में सबसे ज्यादा 'प्रस्ताव' शब्द का जिक्र किया और उन्होंने 89 बार इसका इस्तेमाल किया. इसके अलावा वित्त मंत्री ने 79 बार 'परसेंट' शब्द, 81 बार 'टैक्स' और 58 बार 'इनकम' शब्द का जिक्र किया.

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