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एयरपोर्ट पर ड्रॉप करना भूल गया बॉयफ्रेंड, कोर्ट पहुंच गई गर्लफ्रेंड.. जज ने सुनाया फैसला

Relationship News: गर्लफ्रेंड कोर्ट पहुंच गई. उसने हर्जाना मांगा और कार्रवाई की मांग की. गनीमत यह रही कि कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया जिसे सब मान गए और बॉयफ्रेंड को ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ा है. लेकिन यह मामला चर्चा में आ गया.

एयरपोर्ट पर ड्रॉप करना भूल गया बॉयफ्रेंड, कोर्ट पहुंच गई गर्लफ्रेंड.. जज ने सुनाया फैसला
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Zee News Desk|Updated: Jun 21, 2024, 09:54 PM IST

Girlfriend Boyfriend: बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड का रिश्ता निभाना कई बार मुश्किल हो सकता है. वैसे तो किसी भी अच्छे रिश्ते के लिए वादे पूरे करना बहुत जरूरी होता है. जब कोई वादा टूट जाता है, ऐसे में अक्सर लड़ाई या झगड़ा हो जाता है. लेकिन न्यूजीलैंड की एक महिला ने इस मामले को बहुत आगे बढ़ा दिया. उसने अपने बॉयफ्रेंड को कोर्ट में इस लिए घसीटा क्योंकि वो उसे एयरपोर्ट छोड़ने नहीं ले गया.

असल में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्यूजीलैंड की एक महिला ने अपने ब्वॉयफ्रेंड को कोर्ट में घसीट लिया. उसका बॉयफ्रेंड उसे एयरपोर्ट छोड़ने के अपने वादे से मुकर गया था. महिला का कहना है कि ये एक तरह का जुबानी करार था जिसे उसने तोड़ दिया. इसकी वजह से महिला अपनी फ्लाइट मिस कर गई और उसे अपना ट्रिप एक दिन के लिए टालना पड़ा.

महिला ने कोर्ट में बताई कहानी 

कोर्ट में महिला ने बताया कि इस घटना से पहले वो दोनों साढ़े छह साल से रिलेशनशिप में थे. रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट के फैसले में महिला की पहचान गुप्त रखी गई है. महिला को अपने दोस्तों के साथ एक कॉन्सर्ट में जाना था. उसका बॉयफ्रेंड उसे एयरपोर्ट छोड़ने के लिए पहले से ही तैयार था, साथ ही ये भी कहा था कि वो महिला की गैर-मौजूदगी में उसके घर पर रहेगा और उसके दो कुत्तों की देखभाल करेगा.

कोर्ट ने फैसला सुनाया

लेकिन किसी कारणवश बॉयफ्रेंड नहीं पहुंच पाया. बॉयफ्रेंड की वजह से महिला को अगले दिन की यात्रा और पालतू जानवरों के रहने का खर्च उठाना पड़ा. उसका नुकसान हो गया. उसे हर्जाना चाहिए और बॉयफ्रेंड पर कार्रवाई हो. महिला के इस दावे के बावजूद कि उनके बीच जुबानी करार हुआ था, कोर्ट ने फैसला सुनाया कि ये लागू करने योग्य नहीं है क्योंकि उन दोनों के बीच में "कानूनी रूप से बाध्यकारी' नहीं था. 

जज ने क्या कहा

ट्रिब्यूनल कोर्ट ने कहा कि पार्टनर, दोस्त और सहकर्मी सामाजिक व्यवस्था बनाते हैं. लेकिन यह संभावना नहीं है कि उन्हें कानूनी रूप से लागू किया जा सकता है. कहा गया कि जब दोस्त अपने वादे निभाने में असफल होते हैं, तो दूसरे व्यक्ति को वित्तीय परिणाम भुगतना पड़ सकता है, लेकिन ऐसा हो सकता है कि उन्हें उस नुकसान की भरपाई नहीं की जा सके. ऐसे कई मित्रों के उदाहरण हैं जिन्होंने अपने मित्र को निराश किया है लेकिन नियम में उनके लिए कोई सजा नहीं है. 

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