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काम से थककर ऑटोरिक्शा में ही सो गया कंपनी का एम्प्लॉई, CEO ने देखा तो कही ये बात

Employee In Autorickshaw: बॉम्बे शेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे (CEO Shantanu Deshpande) ने चौबीसों घंटे काम करने वाले अपने एक कर्मचारी के लिए लिंक्डइन पर एक सराहना पोस्ट शेयर की. 

 
काम से थककर ऑटोरिक्शा में ही सो गया कंपनी का एम्प्लॉई, CEO ने देखा तो कही ये बात
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Alkesh Kushwaha|Updated: Feb 23, 2023, 12:25 PM IST

Bombay Shaving Company: बॉम्बे शेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे (CEO Shantanu Deshpande) ने चौबीसों घंटे काम करने वाले अपने एक कर्मचारी के लिए लिंक्डइन पर एक सराहना पोस्ट शेयर की. शांतनु देशपांडे ने शैंकी चौहान के प्रयासों की सराहना की और कहा कि वह कंपनी की 'दिल की धड़कन' हैं. उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की, जिसमें शैंकी चौहान को ऑटो की पिछली सीट पर गहरी नींद में सोते हुए देखा जा सकता है. तस्वीर में देखा जा सकता है कि ऐसा लग रहा है मानो शैंकी थक-हारकर ऑटो के पिछली सीट पर सो गए. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य से जुड़े नुकसान के बारे में बताया.

लिंक्डइन पर बॉस ने की एम्प्लाई की तारीफ

बॉम्बे शेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे ने एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा, “मैं अब लगभग 12 वर्षों से काम कर रहा हूं. मैकिन्से में 5 साल और संस्थापक के रूप में 7 साल. मैंने मेहनती व प्रेरित लोगों को देखा है. जो लोग घंटों काम करते हैं और हर संभव और असंभव चीजें करते हैं, लेकिन इस पर कोई मुझे उतना नहीं चौंकाता जितना शैंकी चौहान चौंकाते हैं. ऑन पेपर वह हमारे सेल्स हेड, एम्प्लॉय हेड, पीपल कमेटी के हेड हैं. लेकिन असल जिंदगी में वह कंपनी के दिल की धड़कन हैं. मुश्किल पलों में हर कोई उस पर भरोसा करता है. वह कंपनी से प्यार करता है. जब वह अपने काम, अपनी टीम, अपने स्टोर, अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स, अपने कस्टमर्स के बारे में बात करते हैं तो उनकी आंखें चमक उठती हैं. मैं देखता हूं कि उनकी टीम के सदस्य उनकी नकल करना शुरू कर देते हैं. उन्हीं की तरह बात करना, उन्हीं की तरह चलना, उन्हीं की तरह काम करना."

 

पोस्ट देखने के बाद लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन

लिंक्डइन पर चार दिन पहले शेयर किए जाने के बाद से पोस्ट को 11,000 से अधिक रिएक्शन और 130 से अधिक रीपोस्ट मिले. साथ ही इस पोस्ट पर खूब कमेंट्स भी आए. एक यूजर ने कहा, "लगभग हर कंपनी में शैंकी हैं, लेकिन दुख की बात यह है कि उन्हें उतनी तवज्जों नहीं मिलती." एक अन्य ने लिखा, "हर कोई शैंकी को चाहता है लेकिन उसे देखकर लगता है कि यह एक दुखद जीवन है." एक तीसरे ने कहा, "सह-संस्थापक के लिए एक और संभावित उम्मीदवार."

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