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Brutal Marriage tradition: जख्मी जिस्म यहां तय करता है कुंवारी लड़कियों का भाग्य, बेहिसाब यातना के बाद बन पाती हैं दुल्हन

Brutal Marriage tradition: लड़कियों की शादी से पहले इथियोपिया में क्रूर आदिवासी समारोह में पुरुषों के प्रति समर्पण भाव दिखाने के लिए कुंवारी लड़कियों को पीटा जाता है. इथियोपिया में हमार जनजाति के सदस्यों द्वारा आदिवासी समारोह में क्रूर परंपरा सदियों से चली आ रही है.

Brutal Marriage tradition: जख्मी जिस्म यहां तय करता है कुंवारी लड़कियों का भाग्य, बेहिसाब यातना के बाद बन पाती हैं दुल्हन
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Gunateet Ojha|Updated: Jan 25, 2023, 09:15 PM IST

Brutal Marriage tradition: हमारे देश में शादी का दिन किसी भी लड़की या लड़के के लिए जिंदगी का सबसे हसीन दिन होता है. इस दिन को विशेष बनाने के लिए तमाम जतन किए जाते हैं. समारोह में हजारों लोग भोज करते हैं और हंसी-खुशी लड़की को उसके दूल्हे के साथ विदा करते हैं. लेकिन एक ऐसी भी जगह हैं जहां शादी के लिए लड़कियों को यातना झेलनी पड़ती है. यातना ऐसी कि किसी की भी रूह कांप जाए. अफ्रीका के इथियोपिया की यह प्रचलित क्रूर प्रथा है.

लड़कियों की शादी से पहले इथियोपिया में क्रूर आदिवासी समारोह में पुरुषों के प्रति समर्पण भाव दिखाने के लिए कुंवारी लड़कियों को पीटा जाता है. इथियोपिया में हमार जनजाति के सदस्यों द्वारा आदिवासी समारोह में क्रूर परंपरा सदियों से चली आ रही है. जहां लड़कियों को पुरुषों के लिए बलिदान दिखाने के लिए कोड़े मारे जाते हैं.

जनजाति के सदस्यों का मानना ​​है कि जिस्म पर जख्म के निशान.. प्यार के लिए एक महिला की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं. इस परंपरा का नाम उकुली बुला है. इसमें लड़कों के लिए संस्कार समारोह के भाग के रूप में महिलाओं को कोड़े मारे जाते हैं, जब महिला परिवार के सदस्य उत्सव के केंद्र में युवक के लिए अपने प्यार की घोषणा करते हैं. लड़के को तब शादी करने की इजाजत दी जाती है क्योंकि समारोह उसे एक मर्द बनाता है.

मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक ओमो रिवर वैली में आयोजित समारोह के दौरान महिलाओं ने भागने के बजाय पुरुषों से उन्हें फिर से कोड़े मारने की भीख मांगी. एक बार चाबुक मारने के बाद, लड़कियां अपने साहस और ईमानदारी के सबूत के रूप में गर्व से अपने निशान दिखाती हैं. और ये चाबुक बेहद खतरनाक होते हैं.

इस समारोह में लड़कियां खुद अपना जिस्म चाबुक से घायल होने की इच्छा रखती हैं. चाबुक के प्रभाव को कम करने के लिए वे अपने शरीर पर मक्खन लगाती हैं. इतना ही दुल्हन बनने के बाद भी लड़कियों को चाबुक से मार खानी पड़ती है जब तक वे दो बच्चों की मां नहीं बन जाती. लड़कियों के जिस्म जितने गहरे जख्म होते हैं.. उससे ही पति के प्रति उनके प्यार का आकलन होता है.

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