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FD या Mutual Fund में आपका भी लगा है पैसा तो अब मिलेगा मोटा फायदा, जान लें काम की बात

FD Vs Mutual Fund: जब बात पैसे को बचाने की आती है तो लोगो के मन मे सबसे पहला विचार निवेश का आता है. कुछ लोग फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट करना पसंद करते है तो कुछ म्‍यूचुअल फंड मे जो लोग बेहतर रिटर्न लेना चाहते हैं उनके लिए म्‍यूचुअल फंड सबसे अच्‍छा ऑप्‍शन हो सकता है.

FD या Mutual Fund में आपका भी लगा है पैसा तो अब मिलेगा मोटा फायदा, जान लें काम की बात
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Zee News Desk|Updated: Feb 09, 2023, 09:33 PM IST

Fixed Deposit और Mutual Fund ये दोनो ही निवेश करने के अलग-अलग जरिए हैं. जब बात पैसे को बचाने की आती है तो लोगो के मन मे सबसे पहला विचार निवेश का आता है. कुछ लोग फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट करना पसंद करते है तो कुछ म्‍यूचुअल फंड मे जो लोग बेहतर रिटर्न लेना चाहते हैं उनके लिए म्‍यूचुअल फंड सबसे अच्‍छा ऑप्‍शन हो सकता है.म्‍यूचुअल फंड मार्केट से लिंक होता हैआप इसमें SIPके जरिए निवेश कर सकते हैं. काफी समय से इसके बेहतर रिजल्‍ट्स देखने को मिले है.  निवेश करने से पहले आपको फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट और म्‍यूचुअल फंड के बारे मे पूरी जानकारी होना जरुरी है ताकि आप ये जान सके की किसमे निवेश करने से आपको फायदा हो सकता है.

फिक्स्ड डिपॉज़िट क्या हैं?
फिक्स्ड डिपॉज़िट यानी एक ऐसा अकाउंट जिसमे मैच्योरिटी के लिए आप अपना पैसे को जमा कर सकते है और जिस पर आपको निर्धारित ब्याज मिलता है. फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट में जमा किया हुआ पैसा तय किऐ गऐ समय से पहले नही निकाल सकते अगर किसी वजह से जमा किऐ  गऐ पैसो को निकालते है तो निवेशक को बैंक को सूचित करना होगा, जिसके बाद बैंक कुछ जुर्माना काटकर पैसे वापस कर देती है

म्युचुअल फंड क्या है?
म्युचुअल फंड यानी एक ऐसा अकाउंट जिसमे निवेशको का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और फिर इनको बाजार मे निवेश किऐ जाता है म्‍यूचुअल फंड मार्केट से लिंक होता है इसमे SIPके जारिऐ निवेश करते है और इसमे एजेंटो के माध्यम से जुङते है. इसे सुरक्षित तरीके से अलग-अलग जगह पर थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करते है. एक साथ कई जगह निवेश होने के कारण इसमें घाटे की संभावना कम रहती है.

फ्लेक्सिबिलिटी के मामले में कौन बेहतर?
फ्लेक्सिबिलिटी के मामले में देखा जाये तो म्युचुअल फंड को सही माना गया है. इससे आपको जब भी जरुरत हो फंङ की आप अपना पैसा निकाल सकते है. अगर आप लगातार किस्‍त नही दे सकते तो कुछ समय के लिऐ रोक भी सकते है. जबकि एफडी मे ऐसा नही होता एफडी मे आपने एक बार  जितने समय के लिए पैसा फिक्‍स कर दिया उससे पहले आप पैसा नहीं निकाल सकते अगर आप निकालते है तो आपको इसकि पेनल्‍टी देनी होती है. इसलिए फ्लेक्सिबिलिटी के मामलो मे म्युचुअल फंड को सही माना गया है. 

एफडी होती है रिस्क फ्री
एफडी मे कोई भी जोखिम नही होता है क्योंकि यह बैंक से जुङे होते है. किया .अगर बैंक ङूब भी गया तो सभी बैंक खातो का 1 लाख रुपये तक का बीमा किया जाता है. म्युचुअल फंङ अधिक जोखिम उठाते है क्योंकि ये अलग-अलग जगह पर थोड़ा-थोड़ा करके बाजारो मे  निवेश करते है

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