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Service Charge: कई रेस्टोरेंट वसूल रहे सर्विस चार्ज, नोएडा में हुई झड़प के बाद सरकार ने कह दी ये बात

Restaurant Bill: विभाग के सचिव रोहित कुमार के जरिए मंगलवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि सर्विस चार्ज एक विवेकाधीन शुल्क है और इसे उपभोक्ताओं पर जबरदस्ती नहीं लगाया जाना चाहिए, खासकर जब उपभोक्ता रेस्तरां के जरिए प्रदान की जाने वाली सेवा से असंतुष्ट हों.

Service Charge: कई रेस्टोरेंट वसूल रहे सर्विस चार्ज, नोएडा में हुई झड़प के बाद सरकार ने कह दी ये बात
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Himanshu Kothari|Updated: Jun 21, 2023, 06:35 PM IST

Restaurant Food: नोएडा के सेक्टर 75 में स्पेक्ट्रम मॉल में ग्राहकों और कर्मचारियों का कथित तौर पर एक-दूसरे को पीटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ है. इस झड़प के पीछे की वजह रेस्टोरेंट के जरिए ग्राहकों पर लगाए गए सर्विस चार्ज को बताया जा रहा है. जिसके बाद अब सरकार ने इस मामले को लेकर रेस्टोरेंट्स को हिदायत दी है. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के अध्यक्ष कबीर सूरी और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) के अध्यक्ष सुरेश पोद्दार को कथित तौर पर आपसी विवाद को लेकर पत्र लिखा है.

सर्विस चार्ज
रविवार को नोएडा के एक मॉल में ग्राहकों और रेस्टोरेंट के कर्मचारियों से 970 रुपये सर्विस चार्ज वसूलने को लेकर वहां झड़प हो गई थी. विभाग के सचिव रोहित कुमार के जरिए मंगलवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि सर्विस चार्ज एक विवेकाधीन शुल्क है और इसे उपभोक्ताओं पर जबरदस्ती नहीं लगाया जाना चाहिए, खासकर जब उपभोक्ता रेस्तरां के जरिए प्रदान की जाने वाली सेवा से असंतुष्ट हों.

रेस्टोरेंट बिल
इस पत्र में कहा गया, "मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप अपने संघ के सदस्यों को उपयुक्त सलाह दें कि वे अनिवार्य आधार पर उपभोक्ताओं पर सेवा शुल्क लगाने पर जोर न दें, खासकर जब उपभोक्ता के जरिए इसे बिल से हटाने का अनुरोध किया जाता है. आप इस बात से सहमत होंगे कि इस तरह का कोई भी शुल्क टिप या ग्रेच्युटी की प्रकृति का है, जिसे उपभोक्ता प्रतिष्ठान के जरिए प्रदान की जाने वाली गुणवत्ता और सेवा से संतुष्ट होने के आधार पर स्वेच्छा से भुगतान करने का निर्णय ले सकता है."

मेन्यू कार्ड
दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष सर्विस चार्ज पर दिशानिर्देशों से संबंधित एक मामले की सुनवाई हो रही है. पिछले साल अदालत ने बिल में "स्वचालित रूप से या डिफॉल्ट रूप से" सेवा शुल्क लगाने से होटल और रेस्तरां को प्रतिबंधित करने वाले केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के दिशानिर्देशों पर रोक लगा दी थी. इस साल अप्रैल में, अदालत ने कहा कि पहले के आदेश को मेन्यू कार्ड पर नहीं दिखाया जाना चाहिए क्योंकि यह "उपभोक्ताओं को गुमराह कर सकता है कि सेवा शुल्क को न्यायालय के जरिए अनुमोदित किया गया है".

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