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वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाना है घर बैठे मालामाल होने वाली स्कीम, खेती का खर्च होगा कम और बिजनेस से होगा तगड़ा मुनाफा

Vermicompost Unit: अगर किसान खेती करने के साथ ही  वर्मीकंपोस्ट यूनिट लगाए तो खेती का खर्च कम होगा. इसके अलावा वर्मीकंपोस्ट और केंचुआ बेचकर डबल मुनाफा कमा सकते हैं.  पशुपालकों के लिए भी ये मुनाफे का सौदा साबित होगा.

वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाना है घर बैठे मालामाल होने वाली स्कीम, खेती का खर्च होगा कम और बिजनेस से होगा तगड़ा मुनाफा
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Arti Azad|Updated: Apr 20, 2023, 07:55 AM IST

Vermicompost And Earthworms Business: भारत में किसान अब पर्यावरण अनुकूल जैविक खेती (Nature Friendly Organic Farming) पर जोर दे रहे हैं. जैविक खेती में किसानों को लागत कम लगती है और पैदावार ज्यादा मिलता है, इसलिए इसे मुनाफे का साधन कहा जाता है. जैविक खेती में वर्मीकंपोस्ट (Vermicompost) का बड़ा योगदान है.

ये मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति करती है. इस खाद में मिट्टी को बांधने, भू-जल संरक्षण और क्वालिटी उत्पादन लेने की क्षमता है. ऐसे में किसानों के लिए  वर्मीकंपोस्ट और भी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है, अगर वे इसकी यूनिट लगा लें. यहां जानेंगे कि कैसे आप इसकी यूनिट डाल सकते हैं...

ऐसे तैयार होता है वर्मीकंपोस्ट 
वर्मीकंपोस्ट खाद बनाना और केंचुआ पालना संयुक्त व्यवसाय है. वर्मीकंपोस्ट तैयार करने में गोबर और केचुए का इस्तेमाल होता है, जिसमें गोबर कच्चा माल की तरह और केंचुआ को मजदूर की तरह काम पर लगाया जाता है. केंचुए खेती की लागत को कम करके लाखों के मुनाफे में बदल देते हैं.

बढ़िया गुणवत्ता की खाद बनाने के लिए केंचुए की उन्नत नस्लों को गड्ढों या फिर बड़े-बड़े प्लास्टिक बैग्स में रखा जाता है. इन गड्ढों और प्लास्टिक बैग्स में गोबर भरा दिया जाता है. इसके बाद इनमें केंचुए छोड़ दिए जाते हैं. इस तरह केंचुए गोबर का अपघटन करके कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करते हैं. 

केंचुआ और वर्मीकंपोस्ट मिट्टी के लिए है अमृत
वर्मी कंपोस्ट मिट्टी के लिए अमृत से कम नहीं है. वैसे तो गोबर के गुण मिट्टी के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन केंचुए कई पोषक तत्वों और कार्बनिक पदार्थों के अपघटन में मदद करते हैं. इससे बीजों का अंकुरण बढ़िया होता है और पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है.

वर्मीकंपोस्ट के फायदे
पौधों की वृद्धि बढ़ाने वाले हार्मोन्स विकसित होते हैं. 
वर्मीकंपोस्ट से मिट्टी की संरचना सुधारती है. 
मिट्टी में पानी और पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता का भी विकास होता है
मिट्टी का कटाव नहीं होता. 
मिट्टी और वातावरण नाइट्रोजन का स्थिरीकरण बढ़ाती है.
रासायनिक उर्वरकों की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा मिलता है.

वर्मीकंपोस्ट और केंचुआ कहां बेचें
केंचुआ और इससे तैयार खाद को दूसरे किसानों को बेच सकते हैं. आप निजी संपर्क या जिले में निजी व्यवसाय तौर पर भी वर्मीकंपोस्ट बेचने की शुरुआत कर सकते हैं. इसकी डिमांड बड़े-बड़े फार्म हाउस, बागवान और नर्सरी में खूब रहती है.

जैव कचरा रीसाइकलर के तौर पर बड़ी होटलों भी केंचुए खरीदती हैं. शहरों में भी जैविक बागवानी का चलन बढ़ता जा रहा है, इसलिये वहां भी इसकी मांग है. आप अपना जीएसटी नंबर बनवाकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर वर्मीकंपोस्ट और केंचुए की बिक्री कर सकते हैं.

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