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CUET Topper Tips: कैसे सीयूईटी से बोर्ड में 100% नंबर के बिना एक टॉप कॉलेज में मिला एडमिशन? ये रहे टिप्स

CUET UG 2024: फैक्ट्स और कॉन्सेप्ट्स के बीच अंतर को समझना जरूरी है. लेकिन यह कई रिवीजन के बाद ही किया जा सकता है, रिवीजन जरूरी है.

CUET Topper Tips: कैसे सीयूईटी से बोर्ड में 100% नंबर के बिना एक टॉप कॉलेज में मिला एडमिशन? ये रहे टिप्स
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chetan sharma|Updated: Oct 02, 2023, 02:09 PM IST

Tips For CUET: सीयूईटी से पहले किसी भी कॉलेज में एडमिशन 12वीं में आए नंबरों के मुताबिक होता है. कॉलेज और यूनिवर्सिटी कटऑफ लिस्ट जारी करते थे और उसी के मुताबिक एडमिशन मिलता था. आज हम आपको एक ऐसे ही स्टूडेंट के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने बिना 100 फीसदी नंबर पाए टॉप के कॉलेज में एडमिशन ले लिया और यह सीयूईटी से मुमकिन हो पाया. हम बात कर रहे हैं जतिन वर्मा की.

जतिन वर्मा ने 11वीं क्लास में साइंस स्ट्रीम चुनी, लेकिन कोर्स के चार महीने बाद, उन्होंने खुद को अपनी चॉइस पर सवाल उठाते हुए पाया क्योंकि उनकी रुचि कहीं और थी. उस समय, वह कानून की पढ़ाई करना चाहते थे इसलिए उन्होंने ह्यूमैनिटीज सब्जेक्ट लिया और कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट की तैयारी करने का फैसला किया, हालांकि, वह इसे पास नहीं कर पाए. फिर उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में पॉलिटिकल साइंस पढ़ने का फैसला किया क्योंकि उन्हें यह विषय बहुत पसंद आया.

वर्मा ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) यूजी 2022 में उपस्थित हुए पांच सब्जेक्ट में से चार में 100 प्रतिशत नंबर हासिल किए. वह वर्तमान में हिंदू कॉलेज, डीयू में बीए (ऑनर्स) पॉलिटिकल साइंस के सेकंड ईयर के स्टूडेंट हैं. उन्होंने तैयारी कैसे की इसके बारे में हम यहां आपको बता रहे हैं.

उनके लिए किसी टॉप कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस में सीट हासिल करना CLAT पास करने के बराबर था. वह ग्रेजुएशन के बाद कानून भी अपना सकता हैं लेकिन उनका रुझान इंटरनेशनल रिलेशन, खासकर अंतरराष्ट्रीय कानून की ओर ज्यादा है. अपने पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए वह कानून और अंतर्राष्ट्रीय संबंध दोनों के लिए आवेदन  करना चाहते हैं. साथ ही, जिस तरह का अनुभव और जीवन दिल्ली विश्वविद्यालय दे सकता है, कोई अन्य विश्वविद्यालय नहीं दे सकता.

CUET UG की तैयारी कैसे की?
CUET UG पहली बार हो रहा था, इसलिए चीजों को लेकर बहुत अनिश्चितता थी, हालांकि, टॉपिक्स तय थे. 2022 में, सीबीएसई ने दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की - पहला सेशन ऑब्जेक्टिव था और दूसरा सेशन सब्जेक्टिव था, इसलिए इससे यह समझने में मदद मिली कि ऑब्जेक्टिव बेस्ड एग्जाम कैसे आयोजित होते हैं. CUET के लिए उसी तरह तैयारी की, जैसे अपनी CBSE परीक्षा के लिए की थी. कई संशोधन किए, हिस्ट्री और पॉलिटिकल साइंस में टाइम लाइन बनाई. मनोविज्ञान में केस स्टडीज का अध्ययन किया और सुनिश्चित किया कि सारे कॉन्सेप्ट क्लियर रहें.

शेड्यूल कैसा था?
ऐसा कोई निश्चित प्रोग्राम नहीं था. वह छोटे-छोटे टारगेट सेट किए. हर चेप्टर का 5 बार रिवीजन किया, 3 बार टेक्स्टबुक से और 2 बार खुद के बनाए हुए नोट्स से. ज्यादातर चैप्टर्स में 4-5 घंटे लगे वहीं कुछ में 6-8 घंटे लगे.

कौन सी किताब बेस्ट हैं?
एनसीईआरटी की किताबें ही पढ़ीं. पहली बार होने के बावजूद, प्रकाशक नई किताबें लेकर आ रहे थे. एनसीईआरटी के साथ बने रहने का फैसला किया और यह सुनिश्चित किया कि हर चीज की पढ़ाई हो और बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर रहें.

CUET के बारे में क्या राय है?
जतिन वर्मा 99 प्रतिशत क्लब में नहीं थे. सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2022 में 94 प्रतिशत नंबर हासिल किए और हिंदू कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लिए कट-ऑफ 99.8 प्रतिशत थी. CUET ने सपने साकार करने के लिए मंच प्रदान किया.

तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए टिप्स
एनसीईआरटी की किताबों को रिवाइज करें, अपने बोर्ड एग्जाम पर थोड़ा समझौता करना स्वीकार करें क्योंकि एडमिशन के लिए सीयूईटी स्कोर ज्यादा मायने रखता है. फैक्ट्स और कॉन्सेप्ट्स के बीच अंतर को समझना जरूरी है. लेकिन यह कई रिवीजन के बाद ही किया जा सकता है, रिवीजन जरूरी है.

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