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DNA: श्रीनगर के लालचौक पर..पत्थरबाजी नहीं, लोकतंत्र के तराने

एक समय था जब जम्मू कश्मीर, दो निशान दो प्रधान वाली थ्योरी पर टिका हुआ था। जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता, पत्थरबाजों और पाकिस्तानी मित्रों के साथ इंडिया-इंडिया कहकर ये जताते थे कि जम्मू कश्मीर और वहां के लोग भारतीय नहीं हैं। 5 अगस्त 2019 से पहले श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराना, बहुत खतरनाक TASK हुआ करता था। लाल चौक वो जगह थी जहां भारत के विरोध में नारेबाजी की जाती थी। पत्थरबाजों की हाइलेवल मीटिंग्स हुआ करती थीं। लेकिन 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 का चैप्टर खत्म हुआ और उसके बाद जम्मू कश्मीर की तस्वीर ही बदल गई।

Sonam|Apr 26, 2024, 02:14 AM
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