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Joint Pain: सर्दियों में क्यों बढ़ता है जोड़ों का दर्द? इन 4 खास घरेलू उपायों से होगा कंट्रोल!

Joint Pain In Winter: आज के समय में भाग दौड़ भरी जिंदगी होने की वजह से जोड़ों में दर्द होना बहुत आम बात है. अगर किसी को पहले से कमर में दर्द है या घुटनों में दर्द है तो ठंड के मौसम में और बढ़ जाता है. आइये इस खबर में जानते हैं कि कैसे इसको कंट्रोल कर सकते हैं.

Joint Pain: सर्दियों में क्यों बढ़ता है जोड़ों का दर्द? इन 4 खास घरेलू उपायों से होगा कंट्रोल!
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Shikhar Baranawal|Updated: Jan 06, 2024, 02:32 AM IST

Joint Pain Reason: आज के समय में भाग-दौड़ भरी जिंदगी होने की वजह से जोड़ों में दर्द होना बहुत आम बात है. ये एक ऐसी बीमारी है जो लोगों को बहुत दिनों तक परेशान करती है. बहुत बार लोगों के लिए तो ये बीमारी लाइलाज हो जाती और उन्हें जीवन के अंत तक इस समस्या को झेलना पड़ता है. इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है और ये मौसम अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है. ये मौसम कुछ लोगों के लिए कानों का दर्द, दांतों का दर्द, सिर दर्द, जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं को लेकर आता है. 

ठंड में बढ़ता है दर्द
अगर किसी को पहले से कमर में दर्द है या घुटनों में दर्द है तो ठंड के मौसम में और बढ़ जाता है. जोड़ों का दर्द होने की वजह से लोगों का चलना-फिरना या उठना-बैठना तक दुश्वार हो जाता है. बहुत से लोगों को ये कंफ्युजन रहता है कि ये मौसम की वजह से हो रहा है या इसके पीछे कोई और कारण है.

2015 में हुए एक अध्ययन में पता चला कि जिन लोगों को पहले से जोड़ों के दर्द की समस्या है, ठंड के दिनों में उनकी परेशानी और बढ़ जाती है. इस अध्ययन में कुल 810 मरीजों का डाटा लिया गया था. इसमें ये भी पता चला कि जैसे-जैसे तापमान में गिरावट होती है जोड़ों का दर्द और तेज होता जाता है. आइये जानते हैं कि सर्दियों में किन कारणों से जोड़ों के दर्द और बढ़ जाता है.

1- जॉइंट फ्लूइड के गाढ़ापन
ठंड के दिनों में जोड़ों के बीच में मौजूद फ्लूइड गाढ़ा होने लगता है. इसको साइंस की भाषा में सिनोवियल फ्लूइड(synovial liquid) नाम से जानते हैं. इस फ्लूइड के गाढ़ा होने की वजह से जोड़ों के पैर हीलाने में परेशानी होती है. यही कारण है कि ठंड के दिनों में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है.

2- पहले का लगा चोट
जिन लोगों को पहले से जोड़ों के दर्द की शिकायत होती है या पहले कभी चोट लगी हो, तो ठंड में उसका दर्द उभरने लगता है. जिस जगह पर पहले से दर्द होता है, ठंड के दिनों में कम तापमान की वजह से वहां की नसें संवेदनशील हो जाती है. और दर्द बढ़ जाता है.

3- शारीरिक गतिविधियों में कमी
ठंड के दिनों में आलस करना बहुत आम बात है. सर्दियों में तापमान इतना कम रहता है कि इंसान ज्यादातर समय रजाई में ही रहना चाहता है. जिसकी वजह से शारीरिक गतिविधी कम हो जाती है. ऐसे में जोड़ों का दर्द और बढ़ने लगता है. इस समस्या को कम करने के लिए व्यक्ति को व्यायाम करना चाहिए.

ये एक ऐसी बीमारी है जिसको जड़ से ठीक करना तो बहुत मश्कुल है, लेकिन कुछ घरेलू उपायों से जोड़ों का दर्द कंट्रोल किया जा सकता है.

1- स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें
इस मौसम में ऐसे भोजन को अपने डाइट में शामिल करें जो सेहत के लिए फायदेमंद हो. जब शरीर में पौष्टिक आहार रहता है तो इंसान एनर्जेटिक रहता है, जिसकी वजह से जोड़ों के दर्द को राहत मिलती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी सब्जियां, फल, ड्राई फ्रूट जैसे खाद्य पदार्थों को अपने डेली लाइफ में शामिल करें.

2- हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें
सर्दियों में हीटिंग पैड का इस्तेमाल बढ़ जाता है. हीटिंग पैड जब जोड़ों पर सेका जाता है तो सिनोवियल फ्लूइड अच्छे से काम करता है जिसकी वजह से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है. अगर ये पैड उपलब्ध न हो तो गर्म पानी से भी दर्द करने वाले जोड़ पर सिकाई की जा सकती है. इससे दर्द को आराम मिलता है.

3- रोज व्यायाम करें
ठंड के दिनों में आलस करना बहुत आम बात है. सर्दियों में तापमान इतना कम रहता है कि इंसान ज्यादातर समय रजाई में ही रहना चाहता है. जिसकी वजह से शारीरिक गतिविधी कम हो जाती है. ऐसे में जोड़ों का दर्द और बढ़ने लगता है. इस समस्या को कम करने के लिए व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें.

4- हाइड्रेटेड रहें
ठंड में कम प्यास लगती है, जिसकी वजह से पानी पीने की भी इच्छा नहीं होती है. ऐसे में शरीर में डिहाइड्रेशन होने लगता है. पानी कम पीने से कई समस्याएं होती है. जिसमें से एक जोड़ों का दर्द भी है. इसलिए ठंड के दिनों में पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें.

Disclaimer: प्रिय पाठक, संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

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