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अधिक पसीना आना हो सकता है इस विटामिन की कमी का संकेत

vitamin D deficiency symptoms: पसीना होना अच्‍छा होता है, क्‍योंक‍ि इससे शरीर का व‍िषाक्‍त बाहर न‍िकल जाता है. लेक‍िन जरूरत से ज्‍यादा पसीन आना शरीर में इस विटाम‍िन की कमी का संकेत हो सकता है. आइये जानते हैं. 

अधिक पसीना आना हो सकता है इस विटामिन की कमी का संकेत
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Vandanaa Bharti|Updated: Aug 05, 2024, 07:28 PM IST

Vitamin D deficiency: पसीना आना एक नेचुरल प्रोसेस है जो हमारे बॉडी के टेमपरेचर को कंट्रोल करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. हालांकि, जब पसीना बहुत ज्‍यादा हो जाता है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है. ज्‍यादा पसीना आना, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस भी कहा जाता है, कई हेल्‍थ कंड‍िशन का संकेत हो सकता है. ज्‍यादा पसीना आना विटामिन डी की कमी का लक्षण भी हो सकता है. 

विटामिन डी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हमारे ओवरऑल हेल्‍थ को बनाए रखने में मदद करता है. यह कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण में मदद करता है, जो मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए जरूरी हैं. इसके अलावा, विटामिन डी हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली, दिल की सेहत और यहां तक ​​कि मेंटल हेल्‍थ को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

क्‍यों होती है Vitamin D की कमी :
धूप के संपर्क में न आने की वजह से विटामिन डी की कमी आ जाती है. इसके अलावा खाने में व‍िटाम‍िन डी की कमी होना भी इसकी वजह हो सकती है. मोटापे की वजह से भी व‍िटाम‍िन डी की कमी हो सकती है.  

विटामिन डी पसीने की ग्रंथियों की गतिविधि को नियंत्रित करके पसीने के प्रोडक्‍शन को कंट्रोल करने में मदद करता है. जब शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, तो ये ग्रंथियां बहुत एक्‍ट‍िव हो जाती हैं और जरूरत से ज्‍यादा पसीना पैदा करती हैं. 

पसीने के अलावा व‍िटाम‍िन डी कमी के लक्षण:  
ज्‍यादा पसीने के अलावा, विटामिन डी की कमी के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं. जैसे क‍ि 

थकान: विटामिन डी हमारे ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विटामिन डी के अपर्याप्त स्तर से पर्याप्त नींद लेने के बाद भी थकान और थकावट हो सकती है.  

मांसपेशियों में कमजोरी: मांसपेशियों की वृद्धि और कार्य के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है. इस विटामिन की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है, जिससे रोजमर्रा के काम और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. 

मूड में बदलाव: विटामिन डी को "सनशाइन विटामिन" के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह सेरोटोनिन के उत्पादन में मदद करता है - एक हार्मोन जो हमारे मूड को नियंत्रित करता है.  इस विटामिन की कमी से मूड स्विंग और यहां तक कि डिप्रेशन भी हो सकता है. 

हड्डियों में दर्द: जैसा कि पहले बताया गया है, विटामिन डी कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण में मदद करता है, जो स्वस्थ हड्डियों के लिए जरूरी हैं. विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर और दर्दनाक हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. 

बालों का झड़ना: विटामिन डी बालों के विकास और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस विटामिन की कमी से बाल झड़ सकते हैं या पतले हो सकते हैं. 

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