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Soaked Dal: दाल पकाने से पहले भिगोना है बेहद जरूरी, सेहत को मिलेंगे 6 जबरदस्त फायदे

दाल भारतीय खान-पान का अहम हिस्सा है. चाहे कोई भी मौसम हो या कोई भी अवसर, दाल हमारी थाली में हमेशा मौजूद रहती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दाल को पकाने से पहले भिगोना कितना जरूरी है?

Soaked Dal: दाल पकाने से पहले भिगोना है बेहद जरूरी, सेहत को मिलेंगे 6 जबरदस्त फायदे
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Shivendra Singh|Updated: Sep 04, 2024, 01:57 PM IST

Soaked dal benefits in hindi: दाल भारतीय खान-पान का अहम हिस्सा है. चाहे कोई भी मौसम हो या कोई भी अवसर, दाल हमारी थाली में हमेशा मौजूद रहती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दाल को पकाने से पहले भिगोना कितना जरूरी है? अक्सर हम दाल को सीधे पकाने के लिए रख देते हैं, लेकिन अगर आप इसे भिगोकर पकाएं, तो आपको कई सेहतमंद फायदे मिल सकते हैं.

आइए जानते हैं दाल को भिगोने के 6 जबरदस्त फायदे

1. पाचन में सुधार
दाल में नेचुरल फाइटिक एसिड और एंटी-न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो पाचन में समस्या पैदा कर सकते हैं. जब आप दाल को भिगोते हैं, तो ये एंटी-न्यूट्रिएंट्स कम हो जाते हैं और दाल पचने में आसान हो जाती है. इसके अलावा, भिगोने से दाल के प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भी आसानी से पच जाते हैं, जिससे पेट में भारीपन नहीं होता.

2. पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण
दाल को भिगोने से उसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे कि आयरन, कैल्शियम, और जिंक को शरीर द्वारा बेहतर तरीके से अवशोषित किया जा सकता है. भिगोने से दाल के एंटी-न्यूट्रिएंट्स कम हो जाते हैं, जो कि पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित करते हैं. इस तरह, आपके शरीर को दाल से मिलने वाले सभी पोषक तत्वों का पूरा लाभ मिलता है.

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3. पकाने में कम समय लगता है
दाल को भिगोने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे दाल पकाने का समय कम हो जाता है. जब आप दाल को भिगोते हैं, तो वह नरम हो जाती है और उसे पकाने में कम समय लगता है. इससे आपके गैस का उपयोग भी कम होता है और समय की भी बचत होती है.

4. गैस और ब्लोटिंग की समस्या में राहत
कई लोगों को दाल खाने के बाद गैस और ब्लोटिंग की समस्या होती है. इसका मुख्य कारण होता है दाल में मौजूद कुछ जटिल शुगर और फाइबर, जो पाचन के दौरान गैस बनाते हैं. लेकिन जब आप दाल को भिगोते हैं, तो ये जटिल शुगर और फाइबर टूट जाते हैं, जिससे गैस और ब्लोटिंग की समस्या कम होती है.

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5. एंटी-न्यूट्रिएंट्स की कमी
दाल में फाइटेट्स और लेक्टिंस जैसे एंटी-न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो आपके शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं. भिगोने से ये एंटी-न्यूट्रिएंट्स कम हो जाते हैं और आपके शरीर को पोषक तत्वों का अधिक लाभ मिल पाता है.

6. स्वाद में बढ़ोतरी
भिगोने से दाल का स्वाद भी बेहतर होता है. जब दाल पानी में भिगोई जाती है, तो उसमें नमी आ जाती है, जिससे वह पकाने के बाद नरम और अधिक स्वादिष्ट हो जाती है. इसके अलावा, भिगोने से दाल में सोडियम और अन्य तत्व बेहतर तरीके से अवशोषित होते हैं, जिससे उसका स्वाद और भी निखर जाता है.

दाल भिगोने का सही तरीका
सबसे पहले दाल को अच्छी तरह से धो लें, ताकि उसमें मौजूद धूल और गंदगी हट जाए. इसके बाद दाल को साफ पानी में आधे से एक घंटे के लिए भिगो दें. फिर दाल को छान लें और ताजे पानी में पकाएं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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