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Silent Danger: विटामिन B12 की कमी हो सकती है जानलेवा, जानें खुद को कैसे बचाएं?

विटामिन बी12 शरीर के कई महत्वपूर्ण कामों में अहम भूमिका निभाता है. यह रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए आवश्यक है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं और डीएनए सिंथेसिस के लिए भी जरूरी है.

Silent Danger: विटामिन B12 की कमी हो सकती है जानलेवा, जानें खुद को कैसे बचाएं?
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Shivendra Singh|Updated: Jul 16, 2024, 11:21 AM IST

कोबालामिन के नाम से जाना जाने वाला विटामिन बी12 शरीर के कई महत्वपूर्ण कामों में अहम भूमिका निभाता है. यह रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए आवश्यक है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाती हैं और डीएनए सिंथेसिस के लिए भी जरूरी है, जो सभी सेल्स में पाए जाने वाली जेनेटिक सामग्री है.

विटामिन बी12 नर्वस सिस्टम के लिए भी महत्वपूर्ण है, यह नसों और उनके आसपास के मायलिन शीथ को हेल्दी रखने में मदद करता है. यह एनर्जी उत्पादन में भी शामिल है, मेटाबॉलिज्म और फैट तथा प्रोटीन के उपयोग का सपोर्ट करता है. विटामिन बी12 की कमी शरीर के प्रमुख अंगों को प्रभावित कर सकती है. आइए जानते हैं कैसे:

नर्व फाइबर पर प्रभाव
विटामिन बी12 की कमी मायलिन शीथ को नुकसान पहुंचा सकती है, जो नसों के आसपास का सुरक्षा कवच होता है. इससे झुनझुनी, सुन्न होना और सेंसिटिविटी संबंधी परेशानी, विशेष रूप से हाथों और पैरों में हो सकती है. विटामिन बी12 की कमी के कारण नर्वस सिस्टम डैमेज का अनुभव हो सकता है, जिससे हाथ-पैरों में सुई चुभने या जलन का अहसास हो सकती है.

दिमाग पर प्रभाव
विटामिन बी12 की कमी गंभीर मामलों में याददाश्त समस्याओं, भ्रम, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और यहां तक कि मनोभ्रंश का कारण बन सकती है. विटामिन बी12 की कमी से न्यूरोट्रांसमीटर का काम प्रभावित होने के कारण कुछ लोगों में मूड स्विंग, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और दिमागी बीमारी हो सकती है.

एनीमिया का खतरा
विटामिन बी12 की कमी मेगालोब्लास्टिक एनीमिया का कारण बन सकती है, जिसमें रेड ब्लड सेल्स असामान्य रूप से बड़ी हो जाती हैं और ऑक्सीजन ले जाने में अप्रभावी हो जाती हैं, इससे थकान, कमजोरी, पतली स्किन और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. गंभीर मामलों में, बी12 की कमी से सभी प्रकार की ब्लड सेल्स (रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स) में कमी हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, आसानी से चोट लग सकती है और खून बह सकता है.

दिल पर खतरा
यदि शरीर में पर्याप्त विटामिन बी12 नहीं है तो आपका दिल खतरे में पड़ सकता है. विटामिन बी12 की कमी होमोसिस्टीन के लेवल को बढ़ा सकती है, जो दिल की बीमारी से जुड़ा एक अमीनो एसिड है. हाई होमोसिस्टीन का लेवल एंडोथेलियल डिसफंक्शन, नस डैमेज, पेरीफेरल वैस्कुलर रोग, स्ट्रोक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी समस्याओं के बढ़ते खतरे में योगदान देता है. विटामिन बी12 की कमी से संबंधित एनीमिया खून में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम होने के कारण दिल को प्रभावित कर सकती है.

आंत और ओरल हेल्थ
विटामिन B12 की कमी जीभ में सूजन (ग्लोसिटिस) और मुंह में घाव या छाले का कारण बन सकती है. कुछ लोगों को दस्त या कब्ज जैसी पाचन संबंधी परेशानी का अनुभव हो सकता है.

विटामिन बी12 की कमी किन कारणों से होती है?
विटामिन बी12 मुख्य रूप से मांस, मछली, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे एनिमल बेस्ड फूड में पाया जाता है. शाकाहारी, जो पर्याप्त मात्रा में डेयरी या अंडे का सेवन नहीं करते हैं और जिन लोगों की खाने की आदतें खराब हैं, उन्हें इसकी कमी का खतरा हो सकता है. कुछ बीमारियां विटामिन बी12 के ऑबर्जशन को कमजोर कर सकती हैं, जैसे कि पेट से जुड़ी समस्याएं - पर्निसियस एनीमिया (यह एक ऑटोइम्यून रोग है जो पेट की परत को प्रभावित करता है), गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी या कुछ दवाएं.

शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने पर शरीर कैसे संकेत देता है?
शरीर में विटामिन बी12 की कमी के शुरुआती लक्षण हल्के और मामूली हो सकते हैं, लेकिन फिर भी ये काफी परेशानी पैदा कर सकते हैं. इनमें अक्सर थकान और कमजोरी शामिल होती है, जिन्हें शुरुआत में अन्य कारणों से भी जोड़ा जा सकता है. हाथों और पैरों में सुन्न होना या झुनझुनाहट महसूस होना, जिसे कभी-कभी 'सुईयां चुभने' जैसा भी बताया जाता है, यह भी विटामिन बी12 की कमी के लक्षण हो सकते हैं. मूड स्विंग होना, चिड़चिड़ापन या हल्का डिप्रेशन भी शुरुआती लक्षणों में से हो सकते हैं. इस कमी से ग्रस्त व्यक्ति को चीजों को ध्यान में रखने या याद रखने में परेशानी हो सकती है, जिससे उनकी रोजाना की एक्टिविटी प्रभावित हो सकती हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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