हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा अच्छा और संस्कारी बने. लेकिन कई बार बच्चों में कुछ बुरी आदतें आ जाती हैं, जो माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं. इसका जीता जागता है उदाहरण है पुणे कार हादसा, जहां एक लापरवाही से दो लोगों की मौत हो गई.
दरअसल, तीन दिन पहले पुणे में 17 साल के एक लड़के ने शराब के नशे में अपनी कार से बाइक सवार दो इंजीनियरों (एक लड़का और एक लड़की) को रौंद दिया. इस हादसे में दोनों इंजीनियर्स की मौके पर ही मौत हो गई. चश्मदीदों के अनुसार, हादसे के वक्त कार की रफ्तार 200 km/h के आस-पास थी. इस मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी नाबालिग को कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया और बाद में पुलिस ने आरोपी के पिता को गिरफ्तार कर लिया है. यह हादसा उन माता-पिता के लिए एक सबब है, जो अपने बच्चों को खुली छूट देते हैं और किसी भी काम के लिए रोक टोक नहीं करते हैं.
कई बार बच्चों में कुछ ऐसी आदतें विकसित हो जाती हैं जिन्हें हम बिगड़ैलपन कहते हैं. यह आदतें बच्चों के लिए हानिकारक हो सकती हैं और भविष्य में उनके जीवन पर भी नेगेटिव प्रभाव डाल सकती हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनसे आप अपने बिगड़ैल बच्चे की आदतों को सुधार सकते हैं:
1. स्पष्ट नियम और सीमाएं निर्धारित करें
बच्चों के लिए स्पष्ट नियम और सीमाएं निर्धारित करना बहुत जरूरी है. इससे उन्हें पता चलता है कि क्या सही है और क्या गलत. इन नियमों को बनाने में बच्चों की राय भी लें। नियमों का पालन न करने पर बच्चों को उचित सजा भी दें.
2. बच्चों को अनुशासन सिखाएं
अनुशासन सिखाना बच्चों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. बच्चों को समय पर सोना, खाना और पढ़ाई करना सिखाएं. उन्हें नियमों का पालन करना और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना सिखाएं.
3. बच्चों को प्यार और स्नेह दें
बच्चों को प्यार और स्नेह देना भी बहुत जरूरी है. बच्चों को गले लगाएं, उन्हें चूमें और उनकी बातों को ध्यान से सुनें. उन्हें बताएं कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं.
4. बच्चों के लिए एक अच्छा उदाहरण बनें
बच्चे अपने माता-पिता को देखकर सीखते हैं. यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे अनुशासित और जिम्मेदार बनें, तो आपको खुद भी इन गुणों का पालन करना होगा. बच्चों के सामने झूठ न बोलें, गुस्सा न दिखाएं, और गलत काम न करें.
5. बच्चों की पॉजिटिव आदतों को प्रोत्साहित करें
बच्चों की पॉजिटिव आदतों को प्रोत्साहित करें. यदि वे कोई अच्छा काम करते हैं, तो उनकी प्रशंसा करें. उन्हें बताएं कि आपको उन पर कितना गर्व है.
6. बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सिखाएं
बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सिखाएं. उन्हें बताएं कि वे अपनी भावनाओं को गुस्से या हिंसा के बजाय शब्दों में व्यक्त कर सकते हैं.