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Premature Menopause: समय से पहले क्‍यों हो जाता है मेनोपॉज? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

मेनोपॉज एक नेचुरल प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन में एक निश्चित उम्र में होती है. यह वह समय होता है जब मासिक धर्म बंद हो जाता है और महिलाएं अब गर्भधारण करने में सक्षम नहीं रहती हैं.

Premature Menopause: समय से पहले क्‍यों हो जाता है मेनोपॉज? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय
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Shivendra Singh|Updated: May 10, 2024, 05:10 PM IST

मेनोपॉज एक नेचुरल प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन में एक निश्चित उम्र में होती है. यह वह समय होता है जब मासिक धर्म बंद हो जाता है और महिलाएं अब गर्भधारण करने में सक्षम नहीं रहती हैं. आमतौर पर, मेनोपॉज 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच होता है.

लेकिन, कुछ महिलाओं में मेनोपॉज 40 वर्ष की आयु से पहले ही हो जाता है, जिसे प्रीमैच्योर मेनोपॉज या समय से पहले मेनोपॉज कहा जाता है. यह स्थिति महिलाओं की सेहत पर कई तरह से नेगेटिव प्रभाव डाल सकती है.

प्रीमैच्योर मेनोपॉज के कारण

बायोलॉजिकल कारण: कुछ महिलाओं में जन्मजात रूप से ओवरी की संख्या कम होती है या उनमें जेनेटिक म्यूटेशन होते हैं, जो प्रीमैच्योर मेनोपॉज का कारण बन सकते हैं.
ऑटोइम्यून बीमारियां: थायराइड या एडिसन रोग जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां भी ओवरी को नुकसान पहुंचा सकती हैं और प्रीमैच्योर मेनोपॉज का कारण बन सकती हैं.
चिकित्सा उपचार: कैंसर के लिए कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी भी ओवरी को नुकसान पहुंचा सकती है और प्रीमैच्योर मेनोपॉज का कारण बन सकती हैं.
लाइफस्टाइल: धूम्रपान, मोटापा और तनाव भी प्रीमैच्योर मेनोपॉज के खतरे को बढ़ा सकते हैं.

प्रीमैच्योर मेनोपॉज के लक्षण

मासिक धर्म का बंद होना: यह प्रीमैच्योर मेनोपॉज का सबसे आम लक्षण है.
गर्म चमक: अचानक गर्मी और पसीना आना, जो रात में अधिक होता है.
वजाइनल ड्राइनेस: वजाइना में सूखापन और खुजली, जिससे शारीरिक संबंध बनाने में दर्द हो सकता है.
नींद में परेशानी: रात में सोने में परेशानी और बार-बार जागना.
मूड स्विंग: चिड़चिड़ापन, उदासी और चिंता.
एकाग्रता में कठिनाई: ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और याददाश्त कमजोर होना.
हड्डियों का कमजोर होना: प्रीमैच्योर मेनोपॉज में महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) का खतरा ज्यादा होता है.

प्रीमैच्योर मेनोपॉज के बचाव के उपाय

धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान ओवरी को नुकसान पहुंचाता है और प्रीमैच्योर मेनोपॉज का खतरा बढ़ाता है.
स्वस्थ वजन बनाए रखें: मोटापा भी प्रीमैच्योर मेनोपॉज का खतरा बढ़ाता है.
तनाव कम करें: योग, मेडिटेशन और गहरी सांस लेने के व्यायाम तनाव कम करने में मदद कर सकते हैं.
पोषण से भरपूर भोजन खाएं: अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करें.
नियमित रूप से व्यायाम करें: शारीरिक रूप से एक्टिव रहने से ओवरी की सेहत को बनाए रखने में मदद मिल सकती है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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