Gujarat Kite Festival: मकर संक्रांति का त्योहार आने वाला है. गुजरात में इस त्योहार को अलग अंदाज में मनाया जाता है. यहां पर मकर संक्रांति को "उत्तरायण" के रूप में मनाया जाता है. ये त्योहार दो दिनों तक चलता है. पहले दिन को उत्तरायण कहा जाता है और अगले दिन वासी-उत्तरायण (बासी उत्तरायण) मनाया जाता है. इस बार ये 14-15 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन गुजरात में रंगीन पतंग उड़ाए जाते हैं. अगर आप इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है.
पतंगों का खेल - इतिहास और परंपरा
गुजरात में पतंगबाजी का इतिहास सदियों पुराना है. माना जाता है कि पहले राजाओं और रानियों के मनोरंजन के लिए पतंगबाजी शुरू हुई थी. धीरे-धीरे ये सांस्कृतिक परंपरा बन गई. आज मकर संक्रांति के बिना पतंगों की कल्पना मुश्किल है. यह त्योहार सूर्य के उत्तरायण की ओर जाने के उत्सव का प्रतीक है, जहां दिन बड़े होने लगते हैं और अंधकार पर प्रकाश की विजय का जश्न मनाया जाता है. इस दिन हवा में उड़ते रंगीन पतंग न सिर्फ खूबसूरत लगते हैं बल्कि खुशियों और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करते हैं.
महोत्सव का केंद्र - अहमदाबाद
पतंग महोत्सव के लिए अहमदाबाद सबसे प्रसिद्ध स्थान है. यहां का अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव विश्व भर के पतंगबाजों को आकर्षित करता है. सरदार पटेल स्टेडियम के ऊपर हवा में हजारों पतंगों का नजारा मन को मोह लेता है. इस दिन शहर के हर गली-मोहल्ले में पतंगबाजी का उत्साह देखने को मिलता है.
अनूठे पतंगों की दुनिया
गुजरात की पतंगें सिर्फ मनोरंजन का ही साधन नहीं हैं, बल्कि कला और परंपरा का प्रतीक भी हैं. यहां तरह-तरह की पतंगें मिलती हैं, जिनमें पारंपरिक पतंगों से लेकर पक्षियों, जानवरों, देवताओं और कार्टून के आकृतियों की पतंगें शामिल हैं. कुछ पतंगें तो इतनी बड़ी होती हैं कि उन्हें हवा में उड़ाने के लिए पूरे परिवार की जरूरत पड़ती है.