पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद से भारत का यह सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश सुर्खियों में बना हुआ है और गूगल सर्च पर भी ट्रेंड कर रहा है. पीएम मोदी ने लक्षद्वीप के शांत वातावरण को आकर्षण बताया और उसकी खूब प्रशंसा की. उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर लक्षद्वीप की कुछ की कुछ बेहतरीन फोटो को पोस्ट करते हुए अपना अनुभव शेयर किया.
फोटो शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि "जो लोग अपने अंदर के रोमांचक को गले लगाना चाहते हैं, उनकी ट्रेवल लिस्ट में लक्षद्वीप भी शामिल हो न चाहिए. अपनी यात्रा के दौरान, मैंने स्नोर्कलिंग भी की. यह एक बहुत ही शानदार और रोमांचकारी अनुभव था." पीएम मोदी द्वारा शेयर की गई तस्वीरें और अनुभव के बाद आपका भी बहुत मन कर रहा होगा कि एक बार लक्षद्वीप जरूर जाएं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि लक्षद्वीप जाने के लिए भारतीयों को भी एंट्री परमिट की जरूरत होती है?
जानें क्या है नियम?
नियमों के अनुसार, हर उस व्यक्ति को (जो लक्षद्वीप का मूल निवासी नहीं है) उसे परमिट लेना होगा. लक्षद्वीप पर्यटन वेबसाइट के अनुसार, इसका कारण वहां रहने वाले अनुसूचित जनजातियों की रक्षा करना है.
आवेदन कैसे करें?
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको ई-परमिट पोर्टल (https://epermit.utl.gov.in/pages/signup) पर जाना होगा, वहां एक अकाउंट बनाना होगा और जरूरी डिटेल्स के साथ फॉर्म भरना होगा. इस प्रोसेस के बाद, आपको ट्रिप से 15 दिन पहले ई-मेल के जरिए परमिट मिलने की उम्मीद है. ऑफलाइन आवेदन करते समय, आपको लक्षद्वीप प्रशासन की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा या उसे कवरत्ती में जिला कलेक्टर के ऑफिस से लेना होगा. इसके बाद, आवेदन पत्र को कलेक्टर ऑफिस में जमा करना होगा. ये प्रक्रिया ज्यादा लंबी है और आपका ज्यादा समय ले सकती है.
जरूरी दस्तावेज
शुल्क विवरण
आवेदन शुल्क 50 रुपये प्रति आवेदक है, और विरासत शुल्क (heritage fee) 12 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए 100 रुपये है. 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए विरासत शुल्क 200 रुपये है.
परमिट से किसे है छूट?
लक्षद्वीप, मिनिकॉय और अमीनी आइलैंड (प्रवेश और निवास पर प्रतिबंध) नियम, 1967 के अनुसार, हर उस व्यक्ति को (जो इन द्वीपों का मूल निवासी नहीं है) को इन द्वीपों में प्रवेश करने और रहने के लिए सक्षम प्राधिकारी से निर्धारित प्रपत्र में परमिट लेना होगा. केवल सरकारी अधिकारी और सशस्त्र बल के सदस्य जो इन आइलैंड्स पर काम कर रहे हैं या उनका दौरा कर रहे हैं, उन्हीं के परिवार के सदस्यों को इसमें छूट दी गई है.