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Kidney failure: मरीजों को बार-बार अस्पताल में भर्ती होने की नहीं पड़ेगी जरूरत, फॉलो करें डॉक्टर के टिप्स

Tips for kidney failure patient: जिन लोगों को डायलिसिस की सलाह दी जाती है वे किडनी फेलियर के आखिरी स्टेज पर होते हैं. डायलिसिस की आवश्यकता तब होती है जब किडनी ठीक ढंग से काम नहीं करती है.

Kidney failure: मरीजों को बार-बार अस्पताल में भर्ती होने की नहीं पड़ेगी जरूरत, फॉलो करें डॉक्टर के टिप्स
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Shivendra Singh|Updated: Feb 21, 2023, 07:50 AM IST

Tips for kidney failure patient:  किडनी फेलियर वाले मरीजों के लिए डायलिसिस एक जीवन रक्षक उपचार हो सकता है. हालांकि इसमें समय बहुत लगती है और शुरुआत में यह डरावनी भी लगती है. जिन लोगों को डायलिसिस की सलाह दी जाती है वे किडनी फेलियर के आखिरी स्टेज पर होते हैं. डायलिसिस की आवश्यकता तब होती है जब किडनी ठीक ढंग से काम नहीं करती है. आपको बता दें कि शरीर को गंदगी को हटाना, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना और खून में कुछ केमिकल (पोटेशियम, सोडियम, बाइकार्बोनेट, कैल्शियम) का सुरक्षित लेवल मेंटेन रखना किडनी का काम होता है. डायलिसिस के दौरान मरीज अस्पताल में भर्ती होने के अवसर को कम करने के लिए कई कदम उठा सकते हैं. डॉक्टर ने इसके लिए कई अहम टिप्स शेयर किए हैं. आइए जानते हैं क्या?

डायलिसिस शेड्यूल का पालन करें
सभी निर्धारित डायलिसिस सत्रों में भाग लेना और किसी भी उपचार को नहीं छोड़ना महत्वपूर्ण है. डायलिसिस छोड़ने से शरीर में गंदगी और टॉक्सिन का निर्माण हो सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं.

हेमोडायलिसिस का सत्र कभी न छोड़ें
हेमोडायलिसिस का प्रत्येक सत्र 4 घंटे का होना चाहिए. कभी भी टेक्नीशियन से डायलिसिस की अवधि कम करने के लिए न कहें. जल्द से जल्द एवी फिस्टुला बनवाएं, जो हेमोडायलिसिस के लिए वैस्कुलर एक्सेस का सबसे अच्छा तरीका है.

अच्छी स्वच्छता बनाए रखें
अच्छे से हाथ धोने और स्वच्छता प्रैक्टिस से संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है. मरीजों को अपने डायलिसिस एक्सेस साइट को गंदे हाथों से छूने से भी बचना चाहिए.

अधिक तरल पदार्थ के सेवन से बचें
डायलिसिस से पहले और बाद में ज्यादातर रोगियों का वजन किया जाएगा और शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने की जटिलता से बचने के लिए घर पर रोजाना अपने वजन की निगरानी करने के लिए कहा जाता है.

एक्टिव रहें
नियमित व्यायाम आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर से बात करें कि आपके लिए किस प्रकार का व्यायाम सुरक्षित है.

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