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सुबह जागने के बाद बदन दर्द से बचने के लिए क्या करें? लाइफस्टाइल में लाएं ऐसे चेंजेस

Body Pain: आपने अक्सर महसूस किया होगा कि सुबह नींद से जागने के बाद बदन मे बहुत ज्यादा दर्द होने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से हो रहा है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा चेंज लाना होगा. 

सुबह जागने के बाद बदन दर्द से बचने के लिए क्या करें? लाइफस्टाइल में लाएं ऐसे चेंजेस
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Shariqul Hoda|Updated: Jun 09, 2024, 06:27 AM IST

How To Get Rid Of Morning Stiffness: सुबह उठते समय बदन दर्द होना एक आम समस्या है, जिसे कई लोग महसूस करते हैं. ये बॉडी पेन दिन की शुरुआत में ही ऊर्जा और उत्साह को कम कर सकता है. नींद से जागने के बाद इंसान को रिफ्रेश फील होना चाहिए, लेकिन अगर इसका उल्टा हो रहा है तो इसका मतलब कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है. IHBAS अस्पताल दिल्ली के पूर्व रेजिडेंट डॉ. इमरान अहमद (Dr. Imran Ahmed) बताया कि  इस समस्या से बचने के लिए कुछ आसान उपाय और आदतें अपनाई जा सकती हैं. यहां कुछ अहम सुझाव दिए जा रहे हैं.

सुबह में बदन दर्द से कैसे बचें

1. सही स्लीपिंग पोश्चर

स्लीपिंग पोश्चर का आपके शरीर के आराम पर सीधा असर होता है. पीठ के बल सोना या करवट लेकर सोना अच्छा माना जाता है क्योंकि इससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है और शरीर के अंगों पर बेवजह दबाव नहीं पड़ता. अगर आप पेट के बल सोते हैं, तो इसे बदलने की कोशिश करें क्योंकि यह गर्दन और पीठ के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

2. सही गद्दे और तकिए का चुनाव

गद्दे और तकिए की क्वालिटी भी आपके शरीर के दर्द को प्रभावित करती है. बहुत सख्त या बहुत नरम गद्दे से बचें. हल्का कड़ा गद्दा आदर्श होता है जो आपके बॉडी के नेचुरल शेप को सपोर्ट देता है. तकिये का चुनाव भी महत्वपूर्ण है, एक अच्छा तकिया गर्दन और सिर को सही सपोर्ट देता है और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखता है.

3. सोने से पहले स्ट्रेचिंग

सोने से पहले हल्की स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है. कुछ कॉमन स्ट्रेचिंग व्यायाम जैसे कि हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, पीठ की स्ट्रेचिंग, और गर्दन की स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद हो सकता है. ये ब्लड फ्लो को बढ़ाता है और मांसपेशियों को लचीला बनाता है.

4. हाइड्रेशन

हाइड्रेशन भी बदन दर्द से बचने में अहम रोल अदा करता है. जब आपका शरीर हाइड्रेटेड रहता है, तो मसल्स की कैपेसिटी बेहतर होती है और वे आराम की स्थिति में रहती हैं. सोने से पहले पर्याप्त पानी पीना सुनिश्चित करें, लेकिन इतनी मात्रा में नहीं कि आपको रात में बार-बार उठना पड़े.

5. आरामदायक और सुकून वाला कमरा

सुकून से भरा और शांत वातावरण में सोना भी जरूरीहै. शोर, रोशनी, और हाई टेम्प्रेचर स्लीप क्वालिटी पर बुरा असर डाल सकते हैं. एक शांत, अंधेरा और ठंडा कमरा नींद को बेहतर बनाता है. इसके अलावा, सोने से पहले रिलैक्सेशन तकनीक जैसे डीप ब्रीदिंग, मेडिटेशन, या एक हॉट बाथ लेना भी फायदेमंद होता है.

6. सही समय पर सोना और जागना

सोने और जागने का सही समय भी जरूरी है. नियमित रूप से सोने और जागने की आदत डालने से बॉडी क्लॉक सही तरीके से काम करती है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और सुबह बदन दर्द की समस्या कम होती है.

7. रेगुलर एक्सरसाइज

नियमित व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत करता है और तनाव को कम करता है. हल्की एक्सरसाइज जैसे योगा, पिलाटेस, और एरोबिक व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें. यह शरीर को लचीला और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे बदन दर्द की संभावना कम हो जाती है.

8. हेल्दी डाइट

सेहतमंद खान-पान भी जरूरी है. पोषक तत्वों से भरपूर आहार मांसपेशियों और हड्डियों की सेहत को बेहतर बनाता है. कैल्शियम, मैग्नीशियम, और विटामिन डी से भरपूर आहार लेना महत्वपूर्ण है.

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