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CT Scan: स्वस्थ लोगों को भी पड़ सकता है हार्ट अटैक, जानिए क्यों कराना चाहिए सिटी स्कैन

Health Tips: डॉ. देवी शेट्टी कहते हैं कि खुद को हमेशा फिट महसूस करते रहना चाहिए, लेकिन ये निश्चिंत नहीं हो जाएं की हम बिल्कुल ठीक हैं. बल्कि बीमारी के कुछ लक्षण हाेने पर सीटी स्कैन जैसी जांचें करवा लें ताकि अंदर का सच पता चल जाए. समय-समय पर टेस्ट नहीं करवाने से अचानक कार्डियक अरेस्ट का शिकार होकर जान गंवाने का खतरा रहता है.

सिटी स्कैन मशीन
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Zee News Desk|Updated: Apr 15, 2023, 06:47 PM IST

Heart Attack: आप दिखने में जितने स्वास्थ्य लगते हैं. शायद अंदर से उतने स्वस्थ नहीं होंगे. इसलिए आपको हमेशा समय समय पर अपना चेकअप कराते रहना चाहिए, ताकि अंदरूनी कोई भी समस्या हो तो समय रहते उसे पकड़ लिया जाए. उसका इलाज कर खत्म किया जाए. बहुत सी समस्याएं ऐसी होती हैं जिन्हें समय रहते पता चल जाए तो जड़ से खत्म भी किया जा सकता है. डॉ. देवी शेट्टी ने कहा है कि भारत में हम डॉक्टरों को खूब सम्मान दिया जाता है. हमें अपने काम की भी काफी आजादी है. लोगों को डॉक्टरों के प्रति जबरदस्त विश्वास है. इसलिए मेरी सलाह है कि सभी को स्वस्थ रहना है और समय-समय पर  जरूरी जांच कराते रहना है.

बिना लक्षण के सिटी स्कैन जरूर नहीं
डॉ. देवी शेट्टी कहते हैं कि खुद को हमेशा फिट महसूस करते रहना चाहिए, लेकिन ये निश्चिंत नहीं हो जाएं की हम बिल्कुल ठीक हैं. बल्कि बीमारी के कुछ लक्षण हाेने पर सीटी स्कैन जैसी जांचें करवा लें ताकि अंदर का सच पता चल जाए. समय-समय पर टेस्ट नहीं करवाने से अचानक कार्डियक अरेस्ट का शिकार होकर जान गंवाने का खतरा रहता है. अगर जांच में कुछ भी गड़बड़ निकलता है तो हम समय रहते इन चीजों से बच सकते हैं. उन्होंने अपने एक लेख में कहां है कि कई बातों का वैज्ञानिक आधार पर खंडन किया जा सकता है, लेकिन हम कुछ ही दावों की पड़ताल कर रहे हैं.

खतरों को भापने के लिए सीटी एंजियोग्राफी जरूरी
हर किसी के मन में एक सवाल जरूर उठता होगा कि क्या स्वस्थ लोगों को सिटी एंजियोग्राफी या सिटी स्कैन कराना जरूरी है? सीटी स्कैन ऐसा टेस्ट है जो सीने में दर्द की शिकायत या हृदय रोग के लक्षणों पर किया जाता है. सिटी स्कैन हृदय की धमनियों में बीमारियों को पकड़ लेती है. यदि आपके अंदर ऐसे कोई भी लक्षण नहीं है तो फिर आपको सीटी स्कैन या एंजियोग्राफी कराने की जरूरत नहीं है. रोगों के लक्षण के बिना किसी का सिटी स्कैन करने से वाहियात परेशानी उठानी पड़ सकती है. साथ ही साथ आगे कई तरह के टेस्ट और भी करवाने की जरूरत पैदा हो सकती है.

इन प्रक्रिया से गुजर कर कई तरह के खतरे मोल लेने की आशंका पैदा हो जाती है. डॉ. देवी शेट्टी कहते हैं कि जिन लोगों में हृदय रोग के लक्षण है, उनका भी दवाइयों से इलाज किया जाना चाहिए ना कि तुरंत इंजियोप्लास्टिक सर्जरी करनी चाहिए, क्योंकि ऐसे मरीजों में भविष्य में हार्ड अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इंजियोप्लास्टिक सर्जरी तभी करनी चाहिए जब बीमारी दवा से ठीक ना हो रही हो.

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