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Conjunctivitis Eye Flu: बड़ों से ज्यादा बच्चों में आई फ्लू का खतरा, पैरेंट्स इस तरह रखें ध्यान

Conjunctivitis prevention tips: दिल्ली महाराष्ट्र, गुजरात और पूर्वोत्तर राज्यों में आई फ्लू के तेजी से फैलने का कारण भारी बारिश के बाद बाढ़ और जलभराव को माना जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि बड़ों से ज्यादा बच्चों में इस संक्रमण का अधिक खतरा है.

Conjunctivitis Eye Flu: बड़ों से ज्यादा बच्चों में आई फ्लू का खतरा, पैरेंट्स इस तरह रखें ध्यान
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Shivendra Singh|Updated: Aug 01, 2023, 06:20 AM IST

Conjunctivitis prevention tips: भारी बारिश और बाढ़ के कारण आई फ्लू (eye flu) के मामले दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि बड़ों से ज्यादा बच्चों में इस संक्रमण का ज्यादा खतरा है. कई स्कूलों ने आई फ्लू (eye flu preventions) के प्रसार से निपटने के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं.

बता दें कि सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात और पूर्वोत्तर राज्यों में अत्यधिक संक्रामक रोग के तेजी से फैलने का कारण भारी बारिश के बाद बाढ़ और जलभराव को माना जा रहा है. हालांकि, पैरेंट्स के साथ स्कूल प्रबंधन भी संक्रमण के मद्देनजर सतर्कता बरत रहे हैं.

तेजी से फैलता है संक्रमण
डॉक्टरों के अनुसार, आई फ्लू कई तरह का होता है. यह बैक्टीरिया, वायरस या एलर्जी के कारण हो सकता है. आजकल जो संक्रमण फैल रहा है वह तेजी से फैलता है. इसके लक्षण लालिमा, खुजली, आंखों में चिपचिपापन और सूजी हुई पलकें हैं. बैक्टीरियल संक्रमण होने पर आंखों से पीले या हरे रंग का गाढ़ा स्राव होता है. हालांकि, वायरल संक्रमण के मामले में दवा या आईड्रॉप से तुरंत राहत नहीं मिलती है, लेकिन लक्षण कम होने में एक से दो सप्ताह लग जाते हैं.

ये बरतें सावधानी

हाथ की स्वच्छता
छोटे बच्चों को अपने हाथ साफ रखने चाहिए और माता-पिता को रोगाणुओं के प्रसार को रोकने के लिए नियमित रूप से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

आंखों को छूने से बचें
बच्चे अवसर वयस्कों की तुलना में अपनी आंखों को अधिक बाप रगड़ते या छूते हैं. इसलिए अपने बच्चों को अपनी आंखों को छूने से बचना सिखाएं.

4. दूरी बनाए रखें
यदि किसी में आई फ्लू के लक्षण नजर आए तो उससे दूरी बनाएं और उन्हें भी दूसरों से दूर रहने की अपील करें, ताकि संक्रमण का प्रसार न हो.

टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें
वायुजनित वायरस के संपर्क को कम करने के लिए छीकते या खांसते समय टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें और एक बार इस्तेमाल के बाद कूड़ेदान में फेंक दें.

निजी सामान को साफ रखें
चश्मे, कॉन्टेक्ट लेंस और आंखों के संपर्क में आने वाली किसी भी वस्तु को नियमित रूप से साफ करें.

डॉक्टर की मदद लें
यदि आपके बच्चे में आई फ्लू के कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो तत्काल डॉक्टर की सलाह लें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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