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लैपटॉप-स्मार्टफोन से बूढ़ीं हो रहीं बच्चों की आंखें, माता-पिता इन बातों का रखें ध्यान

Weak eyesight: मोबाइल, टीवी और कम्प्यूटर-लैपटॉप जैसे गैजेट्स का लगातार इस्तेमाल बच्चों और युवाओं पर भारी पड़ रहा है. इनकी आंखें समय से पहले बूढ़ी हो गई हैं.

लैपटॉप-स्मार्टफोन से बूढ़ीं हो रहीं बच्चों की आंखें, माता-पिता इन बातों का रखें ध्यान
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Shivendra Singh|Updated: Jul 05, 2023, 06:37 AM IST

Weak eyesight: मोबाइल, टीवी और कम्प्यूटर-लैपटॉप जैसे गैजेट्स का लगातार इस्तेमाल बच्चों और युवाओं पर भारी पड़ रहा है. इनकी आंखें समय से पहले बूढ़ी हो गई हैं. बार-बार स्क्रीन एक्सपोजर के चलते आंखें मायोपिया, हाइपर मेट्रोपिया और एस्टिग्मेटिज्म की शिकार हो रही हैं. चिंताजनक है कि तीन साल के भीतर इसका ग्राफ दोगुना हो गया है. कानपुर में स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग की स्टडी में खुलासा हुआ है.

नेत्र विभाग ने नवंबर 2022 से मई 2023 के बीच ओपीडी में आए 27190 मरीजों की जांच की. इनमें 7808 यानी 26 फीसदी रोगी ऐसे थे, जिनकी आंखें समय से पहले कमजोर हो चुकी थीं. इन्हें तुरंत चश्मा लगाया गया. विशेषज्ञों के मुताबित कोरोना काल से पहले यह आंकड़ा 13 प्रतिशत था. अध्ययन में डॉक्टरों ने बीमार आंखों वाले 11 से 18 साल की उम्र वाले बच्चों और 18 से 40 साल तक के युवाओं को लिया.

यह कारण मिले
- पर सामने आया कि बच्चे ही नहीं, युवाओं का स्क्रीन एक्सपोजर मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर पर 7 से 13 घंटे तक पाया गया.
- सनलाइट एक्सपोजर यानी धूप की रोशनी लेने का समय एक से तीन घंटे ही पाया गया, जबकि पहले यह कम से कम 6-7 घंटे रहता था.

क्या होता है मायोपिया?
मायोपिया यानी निकट दृष्टि (मायोपिक) रेटिना के सामने दूर की वस्तु से किरणों को परिवर्तित करती है. जब वह रेटिना से टकराते हैं तो धुंधली छवि का निर्माण करते हुए विचलन कर रहे होते हैं. यदि माता-पिता में से एक या दोनों को यह दिक्कत है तो आपको भी खतरा ज्यादा है.

बच्चों को गैजेट्स से कैसे रखें दूर?

  • फिजिकल एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित करें
  • गार्डनिंग के प्रति प्यार जगाएं
  • पालतू जानवरों की देखभाल करने को कहें
  • किताबें पढ़ने के लिए कहें
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