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क्या फ्यूचर में Doctors को रिप्लेस कर देंगे AI और Robots? जानिए हेल्थकेयर सेक्टर में कैसी आ रही है बड़ी क्रांति

Technological Breakthroughs Revolutionizing Healthcare: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में कहा जा रहा है कि ये भविष्य में करोड़ों लोगों का जॉब छीन लेगा, लेकिन क्या इसके जद में डॉक्टर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स भी आएंगे? आइए जानते हैं कि स्वास्थ्य क्षेत्र में इस तकनीक का क्या भविष्य है.

क्या फ्यूचर में Doctors को रिप्लेस कर देंगे AI और Robots? जानिए हेल्थकेयर सेक्टर में कैसी आ रही है बड़ी क्रांति
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Shariqul Hoda|Updated: Jun 12, 2023, 11:34 AM IST

Can AI and Robots Replace Doctors in Future: 21वीं सदी में हेल्थकेयर इंडस्ट्रीज में लगातार विकास हो रहा है, ये उद्योग  नई तकनीकों को अपना रहा है और डिजिटलाइजेशन के जरिए वो सबकुछ देखने को मिल रहा है जैसा पहले कभी नहीं हुआ. इनोवेशन के जरिए स्वास्थ्य सेवा में क्रांति आ चुकी है. हालांकि कोरोना वायरस महामारी की वजह से हेल्थ केयर इंडस्ट्री को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, नतीजतन इसमें कुछ बदलाव भी आए हैं. आइए जानते हैं कि नए युग में हमें कौन-कौन सी तकनीक इस क्षेत्र में देखने को मिलेगी.

हेल्थकेयर सेक्टर की फ्यूचर टेकनोलॉजी

1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence)
आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई (AI) को लेकर काफी बातें चल रही है, मेडिकल क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है, इस तकनीक ने कई चैलेंजेज को कम करने की कोशिश की है, जैसे प्रशासनिक काम जो आमतौर पर काफी जटिल होते हैं और इसमें वक्त भी ज्यादा लगता है. अगर AI अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेटिव टास्ट को पूरा करेगा तो हेल्थकेयर वर्कर्स मरीजों की सेवा में ज्यादा ध्यान दे पाएंगे. इस इंडस्ट्री में पर्सनलाइजेश को भी बेहतर किया गया है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए सोफेस्टिकेटेड डेटा को लिवरेज किया जा सकता है जिससे अहम फैसले लेने में आसानी होगी. नतीजतन रोगियों का इलाज बेहतर तरीके से हो पाएगा.

2. टेलीहेल्थ (Telehealth)
टेलीहेल्थ भले ही पूरी तरह नया कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन अब ये स्वास्थ्य सेवा का एक जरूरी हिस्सा बन गया है. हेल्थकेयर इंडस्ट्रीज में डिजिटल क्रांति के कारण इस क्षेत्र से जुड़े ज्यादातर लोगों से जुड़ना आसान हो गया. आज डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ इसके जरिए आसानी से अपने काम को अंजाम दे पा रहे हैं. इससे वक्त की वचत हो रही है और मरीजों को भी काफी सुविधा हो रही है. काफी डॉक्टर्स अपने घर में मौजूद मरीजों को वर्चुअल कंसल्टेशन दे पा रहे हैं.

3. रोबोटिक्स (Robotics)
रोबोटिक्स को लेकर आम लोगों में काफी कंफ्यूजन देखने को मिलती है, दरअसल रोबोट्स का काम ह्यूमंस को रिप्लेस करना नहीं है, बल्कि इसका असल मकसद प्रोडक्टिविटी को बेहतर करना है और मेडिकल क्षेत्र में होने वाली गलतियों को घटाना है, रोबोटिक टेकनोलॉजी (Robotic Technology) की मदद से हेल्थकेयर वर्कर्स का काम आसान हो जाएगा, जिससे वो मरीजों की देखभाल पर ज्यादा फोकस कर पाएंगे. 

मैक्स सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत, दिल्ली के सीनियर डायरेक्टर (ऑर्थोपेडिक्स) एंड हेड ज्वाइंट रिकंस्ट्रक्शन (हिप एंड नी) यूनिट,  डॉ. रमणीक महाजन (Dr. Ramneek Mahajan) ने मिसाल देते हुए बताया है कि कि कैसे रोबोटिक आर्म-असिस्टेड सर्जरी जैसी उन्नत तकनीक में मरीज के रिजल्ट्स में सुधार के साथ-साथ सर्जनों की प्रैक्टिस को बेहतर बनाने की क्षमता है. उन्होंने कहा, 'आर्थोपेडिक सर्जरी में रोबोटिक्स के एकीकरण ने क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है. रोबोटिक आर्म्स की निपुणता और सटीकता के साथ कुशल सर्जनों की एक्सपर्टीज को जोड़कर, ये नई तकनीक जटिल आर्थोपेडिक प्रक्रियाओं के दौरान बेहतर कंट्रोल और हाई लेवल की एक्यूरेसी देती है. इसके अलावा रोबोटिक आर्म्स के इंटिग्रेशन से सर्जन ऐसी जगह पर पहुंच बना लेते हैं जहां तक जाना मुश्किल होता है. इससे कॉम्पलिकेशन का रिस्क घट जाता है और साथ ही पोस्टऑपरेटिव रिकवरी टाइम भी कम होता है.'

डॉ. रमणीक महाजन ने आगे कहा, 'इस तकनीक की मदद से हमने पाया है कि जख्म जल्दी भरते हैं, दर्द कम होता है और मरीजों को अस्पताल में कम वक्त के लिए रुकना पड़ता है. इससे पेशेंट अपनी डेली रूटीन की तरफ जल्द से जल्द वापस लौट पाते हैं.

4. ब्लॉकचेन (Blockchain)
ब्लॉकचेन को आमतौर पर फाइनेंस इंडस्ट्री का हिस्सा माना जाता है, लेकिन ये हेल्थकेयर के क्षेत्र में भी इसकी मौजूदगी देखी जा रही है. इसका मेन मकसद मरीजों के सेंसिटिव डेटा की सुरक्षा है, जो हमेशा साइबर अपराधियों के निशाने पर होते हैं. हेल्थकेयर सेक्टर में भी डेटा चोरी की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है. इसलिए डेटा सिक्यूरिटी की काफी जरूरत होती है, इसमें पेशेंट की पहचान, सप्लाई चेन कैपेबिलिटीज. आनेवाले वक्त में इस तकनीक की जरूरत और ज्यादा बढ़ जाएगी. इसके जरिए तमाम ऐसी दिक्कतों को दूर किया जा सकेगा.

क्या फ्यूचर में डॉक्टर्स को रिप्लेस कर देंगी ये तकनीक?
ये सभी तकनीकी विकास ये साबित करते हैं कि हेल्थकेयर इकोसिस्टम में एक ज्यादा सुलभ, कुशल, किफायती और रोगी-केंद्रित बनाया जा रहा है. भले ही इन टेक्नोलॉजी की मदद से पेशेंट की केयर बेशक बेहतर तरीके से की जा रही है, लेकिन इन सब के बीच ह्यूमन एक्सर्टीज और इनोवेशन के बीच में बैलेंस करना भी उतना ही जरूरी है. हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और तकनीक के बीत की साझेदारी इस क्रांति की आधारशिला बनी हुई है, जहां ह्यूमन टच मशीनों की सटीकता को पूरा करता है. उम्मीद है कि AI और रॉबोट्स हेल्थकेयर वर्कर्स की जॉब को छीनने के बजाए उनके काम को आसान कर देंगे.

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