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बात-बात पर बच्चा दिखाने लगा है अपना रौद्र रूप, तो शांत करने के लिए इन 5 उपायों को आजमाएं

Tips For Aggressive Child: बचपन में अपनी भावनाओं को सही तरह से व्यक्त करने की समझ नहीं होती है. कई बार वह बहुत गुस्सैल हो जाते हैं और बात-बात चिल्लाने या हाथ उठाने लगते हैं. ऐसे व्यवहार उम्र के साथ और बिगड़ते चले जाते हैं इसलिए इसे व्यक्त रहते कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है.

बात-बात पर बच्चा दिखाने लगा है अपना रौद्र रूप, तो शांत करने के लिए इन 5 उपायों को आजमाएं
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Sharda singh|Updated: Apr 24, 2024, 06:13 PM IST

बच्चों में कभी-कभी गुस्सा और आक्रामकता देखना एक सामान्य बात है. हालांकि, बार-बार होने वाला आक्रामक व्यवहार चिंता का विषय है. क्योंकि यदि इस उम्र में बच्चों को सही तरह से अपनी भावनाओं को व्यक्त करना ना सीखाया जाए तो बड़े होने के बाद उनका व्यवहार और अधिक आक्रामक और अपमाननीय लग सकता है.

ऐसे में यदि बच्चा छोटी-छोटी चीजों में आक्रामकता दिखाता है तो इसे कम करने और सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए माता-पिता यहां बताए गए आसान तरीकों अपना सकते हैं.

शांत रहें और समझें 

बच्चे गुस्से में होने पर अक्सर चीखते-चिल्लाते हैं या चीजें फेंक देते हैं. इस दौरान माता-पिता को भी गुस्सा होना या उन्हें डांटना ठीक नहीं है. शांत रहें, बच्चे को शांत होने का समय दें और फिर समझने की कोशिश करें कि उन्हें गुस्सा क्यों आया. उनकी भावनाओं को स्वीकारें और समस्या को सुलझाने में उनकी मदद करें.

सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा दें 

जब बच्चे अच्छा व्यवहार करते हैं, तो उनकी तारीफ करें. उन्हें बताएं कि आपको उनका अच्छा व्यवहार पसंद आया. इससे उन्हें अच्छा महसूस होगा और वे अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रेरित होंगे.

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बातचीत के माध्यम से समस्या सुलझाएं 

बच्चों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए स्वस्थ तरीके सिखाएं. गुस्से में चीखने-चिल्लाने के बजाय बातचीत के माध्यम से अपनी समस्याएं सुलझाना सिखाएं. उनकी बात ध्यान से सुनें और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने में उनकी मदद करें. 

सही रोल मॉडल बनें

बच्चे अपने आसपास के लोगों को देखकर सीखते हैं. इसलिए माता-पिता को अपना गुस्सा मैनेज करना सीखना चाहिए. अगर आप खुद गुस्से में बात करते हैं या चीजें फेंकते हैं, तो बच्चे भी यही सीखेंगे. 

धैर्य रखें 

बच्चों का व्यवहार बदलने में समय लगता है. इसलिए धैर्य रखें और लगातार प्रयास करते रहें. ऊपर बताए गए टिप्स को नियमित रूप से अपनाते रहें. धीरे-धीरे आपको अपने बच्चे के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे.

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