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BJP President: जे पी नड्डा के बाद कौन होगा बीजेपी का नया अध्यक्ष? पार्टी से सामने आई ये बड़ी खबर

BJP Chief Selection: अगला बीजेपी अध्यक्ष कौन होगा? जेपी नड्डा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद ये वो सवाल है जो देश की सियासी गलियों में तेजी से उठा. इस यक्ष प्रश्न का अधिकारिक और सही जवाब अभी तक नहीं मिल सका है. 

BJP President: जे पी नड्डा के बाद कौन होगा बीजेपी का नया अध्यक्ष? पार्टी से सामने आई ये बड़ी खबर
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Ravindra kumar|Updated: Jun 12, 2024, 07:37 AM IST

BJP President election 2024: लोकसभा चुनावों के प्रदर्शन के बाद अब बीजेपी संगठन में फेरबदल की तैयारी हो रही है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी को जल्दी ही नया कार्यकारी अध्यक्ष मिल सकता है. भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष कौन होगा? जेपी नड्डा (JP Nadda) के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद ये वो सवाल है जो देश की सियासी गलियों में तेजी से उठा. इस यक्ष प्रश्न का अधिकारिक और सही जवाब अब तक नहीं मिल सका है. गौरतलब है कि मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) का गठन होते ही कई नामों की चर्चा और अटकलें चल रही थीं. इस रेस में विनोद तावड़े, के लक्ष्मण, सुनील बंसल और ओम माथुर का नाम बताया गया.

बीजेपी में बदलाव का दौर

2019 के प्रदर्शन को दोहरा पाने में नाकाम रही बीजेपी में लगातार बदलावों का दौर जारी है. यूपी (UP) के बाद पार्टी अब राष्ट्रीय स्तर पर भी संगठन में बदलाव कर सकती है.

दिसंबर 2023 या जनवरी 2024 में होगा चुनाव?

बीजेपी सूत्रों से आ रही खबरों के मुताबिक भगवा पार्टी जल्द ही एक नया कार्यकारी अध्यक्ष चुन सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी के इटली दौरे से वापसी  के बाद संसदीय बोर्ड की बैठक हो सकती है. नए अध्यक्ष का चुनाव दिसंबर-जनवरी में होना तय माना जा रहा है. 

तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह मोदी 2.0 में गृह मंत्री बन गए थे. तब संसदीय बोर्ड ने 17 जून 2019 को नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था और राजनाथ सिंह ने बोर्ड के फैसले की जानकारी दी थी. नड्डा ने 20 जनवरी 2020 में पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर काम संभाला था और उनका कार्यकाल इस साल जनवरी में पूरा हो गया था. लेकिन आम चुनावों के मद्देनजर नड्डा को इस साल जून अंत तक विस्तार दिया गया था.

तेजस्वी का बड़ा बयान

इस बीच तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, 'राजनीति में परिवारवाद के सबसे बड़े संरक्षणकर्ता, पालनकर्ता और पोषणकर्ता ही परिवारवाद पर लंबा-चौड़ा प्रवचन देते है. कथित विरासत वाली परिवारवादी पार्टी की बदौलत ही आज उनकी सरकार और सियासत सांस ले पा रही है. उनके कथनी और करनी के इस अंतर को हमारे महान देश की महान जनता बखूबी समझती है.'

 

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