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Mughal Emperor: मुगल हरम की तरह अय्याशी का अड्डा था मीना बाजार? जानिए क्या है सच

Mina Baazar history: कई बार सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें हमें देखने को मिलती है कि मुगल हरम की तरह ही मीना बाजार भी मुगल शासकों के लिए अय्याशी का अड्डा हुआ करता था. आइए जानते हैं कि आखिर इसकी सच्चाई क्या है?

फाइल फोटो
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Govinda Prajapati|Updated: Feb 04, 2023, 09:06 PM IST

Mina Baazar Agra Fort: हममें से ज्यादातर लोगों ने मुगल शासकों के बारे में किताबों में जरूर पढ़ा होगा. लंबे समय तक मुगल शासकों ने भारत पर शासन किया. आए दिन हम मुगलों से जुड़े छोटे-बड़े विवादित किस्सों के बारे में सुनते रहते हैं. इन्हीं विवादित किस्सों में एक का नाम 'मीना बाजार' भी है. कई लोग मानते हैं कि आगरा के मीना बाजार को अकबर ने बनाया था लेकिन यह सच नहीं है. आपको बता दें कि मीना बाजार की शुरुआत हुमायूं के शासनकाल में हुई थी लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मीना बाजार को अकबर के शासनकाल में मिली थी. कहा जाता है कि शाहजहां और मुमताज की मुलाकात भी मीना बाजार में हुई थी. 

मीना बाजार आगरा के किले में बना हुआ था जो कि सेना के क्षेत्राधिकार में आता था. यहां आकर महिलाएं बाजार लगाया करती थी पर ये कोई आम महिलाएं नहीं होती थीं. मीना बाजार में मुगल शाही परिवार की महिलाएं, राजपूतों की रानियां जैसी बड़ी-बड़ी हस्तियां आकर दुकान लगाती थीं और यहां पर सिर्फ मुगल घराने से ताल्लुक रखने वाले चंद लोगों को ही खरीदारी की इजाजत थी. इसके अलावा दूसरे राजाओं को यहां पर खरीदारी की आजादी थी. मीना बाजार में बिकने वाली चीजों को सामान्य से ज्यादा कीमत पर खरीदा जाता था और ये भी कहा जाता है कि बाजार में बिकने वाली महंगी चीजों से आने वाले पैसों को गरीबों में बांट दिया जाता था.

हाल ही में कई लोगों ने ये आरोप लगाया था कि हरम के बाद मीना बाजार मुगलों की अय्याशी का दूसरा अड्डा हुआ करता था. कई बार ऐसी बातें सोशल मीडिया पर भी हमें देखने को मिलती हैं लेकिन जानकार बताते हैं कि ऐसे किसी बात की पुष्टि असल में नहीं मिलती है. अकबर के शासन काल में इस बाजार को इसलिए प्रसिद्धि मिली क्योंकि दूर-दूर से राज - परिवारों के लोग यहां खरीदारी करने के लिए आने लगे थे.

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