trendingNow11852741
Hindi News >>देश
Advertisement

Chandrayaan-3: आखिर क्यों विक्रम-प्रज्ञान को जल्द ही 'नींद' में भेजा जाएगा? ISRO अध्यक्ष ने कही ये बात

ISRO: लैंडर विक्रम ने 23 अगस्‍त को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग की थी. इसके बाद रोवर लैंडर से बाहर निकला और लगातार वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दे रहा है.

Chandrayaan-3: आखिर क्यों विक्रम-प्रज्ञान को जल्द ही 'नींद' में भेजा जाएगा? ISRO अध्यक्ष ने कही ये बात
Stop
Gaurav Pandey|Updated: Sep 02, 2023, 07:49 PM IST

Lunar Surface: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि भारत के चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को कुछ दिनों में 'नींद में भेज दिया जाएगा' क्‍योंकि वहां अब लंबी ठंडी रात होने वाली है. ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-सी57 (पीएसएलवी-सी57) द्वारा कक्षा में आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को स्‍थापित करने के तुरंत बाद सोमनाथ ने कहा कि रोवर प्रज्ञान लैंडर से 100 मीटर दूर चला गया है. उन्होंने कहा कि लैंडर और रोवर दोनों अच्छे से काम कर रहे हैं.

प्रक्रिया शुरू हो जाएगी
दरअसल, सोमनाथ के मुताबिक, रोवर और लैंडर को नींद में भेजने की प्रक्रिया एक या दो दिन में शुरू हो जाएगी क्योंकि अब चांद के उस हिस्‍से में ठंडी रात होने वाली है. लैंडर विक्रम ने 23 अगस्‍त को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग की थी. इसके बाद रोवर लैंडर से बाहर निकला और लगातार वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दे रहा है. इसरो ने कहा, रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऑक्सीजन, एल्यूमीनियम, सल्फर और अन्य सामग्रियों की उपस्थिति मिली है.

अहम जानकारी शेयर की
जबकि हाइड्रोजन की उपस्थिति के संबंध में जांच जारी है. इससे पहले रोवर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव की मिट्टी के तापमान पर अहम जानकारी शेयर की थी. विक्रम लैंडर ने चांद में भूकंप जैसे कंपन महसूस किए हैं. 26 अगस्त को पांच सेकंड तक इस कंपन दर्ज किया गया है. इसके बाद इसरो की टीम इस कंपन पर लगातार रिसर्च कर रही है. इसे भूकंप के जैसा कंपन बताया जा रहा है. 

वहीं प्रज्ञान रोवर के लेजर संचालित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) डिवाइस ने  चांद की सतह पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता लगाया था. साथ ही  दक्षिणी ध्रुव के पास सतह में गंधक (सल्फर-S) होने की स्पष्ट रूप से पुष्टि की थी. वहीं, चांद पर हाइड्रोजन (H) की खोज जारी है.

Read More
{}{}