trendingNow12254589
Hindi News >>देश
Advertisement

फंस गए विभव कुमार.. जानबूझकर फॉर्मेट किया फोन? पुलिस लगाएगी IPC की धारा 201

Vibhav Kumar News: आरोपी विभव कुमार पर सीधा आरोप है कि उन्होंने सुबूतों को मिटा दिया है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पुलिस को कई सुबूत नष्ट मिले हैं. यहां तक कि पेन ड्राइव भी खाली मिली है. फिलहाल दिल्ली पुलिस की टीम DVR अपने साथ लेकर निकल गई है.

फंस गए विभव कुमार.. जानबूझकर फॉर्मेट किया फोन? पुलिस लगाएगी IPC की धारा 201
Stop
Gaurav Pandey|Updated: May 19, 2024, 03:42 PM IST

Swati Maliwal Case: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट केस में गिरफ्तार आरोपी विभव पर पुलिस IPC की धारा 201 यानी सबूतों को नष्ट करने की धारा भी लगा सकती है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि विभव ने जानबूझकर अपना फोन फॉर्मेट किया है. सीएम हाउस का DVR पुलिस को मुहैया कराने के लिए लगातार एजेंसी के संपर्क में पुलिस बनी हुई है. साथ ही स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट और बदसलूकी मामले में अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच पुलिस कर रही है. इतना ही नहीं  पुलिस को पेन ड्राइव में दी गई वारदात के समय की भी सीसीटीवी फुटेज ब्लेंक मिली है.

मिटा दिए हैं सुबूत? 

असल में आरोपी विभव कुमार पर सीधा आरोप है कि उन्होंने सुबूतों को मिटा दिया है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पुलिस को कई सुबूत नष्ट मिले हैं. यहां तक कि पेन ड्राइव भी खाली मिली है. फिलहाल दिल्ली पुलिस की टीम DVR अपने साथ लेकर निकल गई है. दिल्ली पुलिस ने CM हाउस में एक लैपटॉप और प्रिंटर भी मंगवाया है.

हिरासत में भेजा जाना जरूरी

इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने विभव कुमार की पांच दिन की पुलिस हिरासत को मंजूरी देते हुए कहा कि आरोपी को पुलिस हिरासत में भेजा जाना आवश्यक है. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई की और इस दौरान दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने किया. पुलिस ने सात दिन की हिरासत का अनुरोध किया था. आरोप है कि केजरीवाल के निजी सहायक कुमार ने 13 मई को मुख्यमंत्री आवास में मालीवाल के साथ मारपीट की थी. 

पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत

अदालत ने शनिवार देर रात पौने एक बजे जारी अपने आदेश में कहा था कि दोनों पक्षों की ओर से दी गई दलीलों पर विचार करने के बाद मुझे लगता है कि मौजूदा मामले में पुलिस हिरासत की आवश्यकता है. इसलिए आवेदन को आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है और आरोपी को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा जाता है. उसने साक्ष्य एकत्र करने के लिए कुमार को मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में ले जाने की आवश्यकता संबंधी अभियोजन पक्ष की इस दलील पर गौर किया कि आरोपी की हिरासत के बिना ऐसा करना संभव नहीं है.

हालांकि कोर्ट की तरफ से यह कहा गया कि आरोपी के अधिकारों को भी संरक्षित किया जाना चाहिए. और हर 24 घंटे में कुमार की चिकित्सकीय जांच कराए जाने का निर्देश दिया और कहा कि जांच एजेंसी आरोपी को किसी भी तरह की यातना नहीं देगी. उसने कुमार को पुलिस हिरासत के दौरान अपने वकील और पत्नी से आधे-आधे घंटे के लिए मिलने की भी अनुमति दी. आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराने की कुमार की अर्जी भी स्वीकार कर ली गई.

Read More
{}{}