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Rajasthan Politics: 'वफा का वह दौर अलग, आज तो लोग उंगली काटने की करते हैं कोशिश', इशारों- इशारों में किसे सुना गईं वसुंधरा

Vasundhara Raje Scindia Latest News: राजस्थान असेंबली चुनाव में जीत के बावजूद सीएम की कुर्सी से महरूम हुई वसुंधरा राजे सिंधिया की टीस अब तक बाकी है. उन्होंने रविवार को एक कार्यक्रम में अपनी यह दबी हुई कसक आखिर जाहिर कर ही दी.  

Rajasthan Politics: 'वफा का वह दौर अलग, आज तो लोग उंगली काटने की करते हैं कोशिश', इशारों- इशारों में किसे सुना गईं वसुंधरा
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Devinder Kumar|Updated: Jun 23, 2024, 11:29 PM IST

Vasundhara Raje Scindia Latest Statement: राजस्थान के उदयपुर पहुंचीं पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने एक ऐसा बयान दे दिया, जिसकी सियासी गलियारों में चर्चा तेज है. वे रविवार को सुंदर सिंह भंडारी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित विशिष्ट जन सम्मान समारोह और व्याख्यान माला कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. उस दौरान उन्होंने कहा कि सुंदर सिंह भंडारी ने चुन-चुनकर लोगों को भाजपा से जोड़ा. सुंदर सिंह भंडारी ने एक पौधे को वृक्ष बनाया. उन्होंने संगठन को मजबूत करने का काम किया. कार्यकर्ताओं को ऊंचा उठाने का काम किया.

आखिर किस पर था वसुंधरा का निशाना?

उन्होंने कहा कि भंडारी जी ने राजस्थान में भैरोंसिंह शेखावत सहित कितने ही नेताओं को आगे बढ़ाया, लेकिन वफा का वह दौर अलग था. तब लोग किसी के किए हुए को मानते थे, लेकिन आज तो लोग उसी अंगुली को पहले काटने का प्रयास करते हैं, जिसको पकड़ कर वह चलना सीखते हैं. अब वसुंधरा राजे के इस बयान के बाद तमाम तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. 

चुनावों की कसक निकलने लगी है बाहर

चर्चा है कि राजस्थान विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से वसुंधरा राजे और पार्टी नेतृत्व के बीच तल्खी देखने को मिली थी, उसकी गांठें खुलने लगी हैं. चुनाव के दौरान मन में जो कसक थी, वो अब धीरे-धीरे बयानों के जरिये सामने आ रही है. कार्यक्रम में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद रहे. राजे ने कहा कि गुलाबचंद कटारिया ने चुन-चुनकर लोगों को भाजपा से जोड़ा है. कटारिया अब असम के महामहिम हैं, लेकिन वह दूर रहकर भी हम लोगों के पास है और ख्याल रखते हैं.

पार्टी नेतृत्व के साथ रहा है छत्तीस का आंकड़ा

दरअसल राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर वसुंधरा राजे और गुलाबचंद कटारिया के बीच भी तल्खी की खबरें सामने आई थीं. इसके अलावा चुनावी नतीजों के बाद पार्टी आलाकमान ने राजे को नजरअंदाज करके भजनलाल शर्मा को राज्य के सीएम की कुर्सी सौंप दी थी. ऐसे में दबे स्वर में ही सही भाजपा शीर्ष नेतृत्व और वसुंधरा राजे के बीच मनमुटाव की खबरें गाहे-बगाहे सुर्खियां बनती रही हैं.

(एजेंसी आईएएनएस)

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