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UP by election: यूपी उपचुनाव में धीमी रही रफ्तार, सपा-भाजपा ने एक दूसरे पर लगाए आरोप, जानें कहां कितनी हुई वोटिंग

UP by election: दोनों पार्टियों के आरोप हैं कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वोटिंग में दिक्कत पैदा की. रामपुर में हुई कम वोटिंग को लेकर आजम खान की पत्नी एवं पूर्व सांसद तजीन फातिमा ने कहा कि पुलिस ने लोगों को वोट डालने से रोका.

UP by election: यूपी उपचुनाव में धीमी रही रफ्तार, सपा-भाजपा ने एक दूसरे पर लगाए आरोप, जानें कहां कितनी हुई वोटिंग
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Ajit Tiwari|Updated: Dec 06, 2022, 12:11 PM IST

उत्तर प्रदेश में सोमवार को एक लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई. इसमें रामपुर विधानसभा सीट, मैनपुरी लोकसभा सीट और खतौली विधानसभा सीट शामिल है. चुनाव आयोग के मुताबिक तीनों सीटों पर वोटिंग सामान्य रहा. हालांकि, रामपुर में वोटिंगी स्पीड काफी धीमी रही. सोमवार को सुबह शुरू हुई वोटिंग की प्रक्रिया शाम 6 बजे तक चली. परिणामों की घोषणा 8 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के परिणामों के साथ होगी.

वोटिंग परसेंटेज की बात करें तो रामपुर विधानसभा सीट पर 33.94 फीसदी वोटिंग हुई. वहीं, समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर 54.37 फीसदी वोट पड़े. इसके अलावा मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर 56.46 फीसदी वोट डाले गए. 

सपा-भाजपा ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
वोटिंग के दौरान भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने एक दूसरे पर कई आरोप लगाए. दोनों के आरोप हैं कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वोटिंग में दिक्कत पैदा की. रामपुर में हुई कम वोटिंग को लेकर आजम खान की पत्नी एवं पूर्व सांसद तजीन फातिमा ने कहा कि पुलिस ने लोगों को वोट डालने से रोका. दोनों ही पार्टियों ने चुनाव अधिकारी अजय शुक्ल से मुलाकात की और वोटिंग के दौरान धांधली का आरोप लगाया. 

किसके बीच है मुकाबला?
दिलचस्प बात ये है कि इस उपचुनाव में सिर्फ दो ही पार्टियां आमने-सामने हैं, समाजवादी पार्टी (गठबंधन) और भारतीय जनता पार्टी. इन्हीं दोनों में मुकाबला है. बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने इन उपचुनावों में किसी भी सीट पर अपने कैंडिडेट खड़े नहीं किए हैं.

क्यों हुए उपचुनाव?
मैनपुरी लोकसभा सीट है और मुलायम सिंह के निधन की वजह से ये सीट खाली हो गई थी. वहीं, रामपुर सदर विधानसभा सीट से आजम खान की विधायकी जाने के कारण उपचुनाव कराए गए. नफरती भाषण के मामले में उन्हें तीन साल की जेल हुई थी. इसके अलावा खतौली विधानसभा सीट पर बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी दो साल की जेल होने की वजह से दोबारा चुनाव हुए हैं. वो दंगों से जुड़े केस दोषी पाए गए थे और इससे उनकी सदस्यता खत्म हो गई थी.

कहां से कौन मैदान में?
मैनपुरी लोकसभा सीट पर 6 कैंडिडेट चुनावी मैदान में हैं. वहीं, रामपुर में 10 और खतौली विधानसभा सीट पर 14 कैंडिडेट चुनावी अखाड़े में हैं. मैनपुरी काफी अहम सीट है जहां से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव बीजेपी के रघुराज सिंह शाक्य के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं.

वहीं, रामपुर में आसिम राजा समाजवादी पार्टी से कैंडिडेट हैं, जिन्हें आजम खान का करीबी माना जाता है. इस सीट पर बीजेपी से पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना लड़ रहे हैं. खतौली सीट से विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं. जबकि राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर मदन भैया चुनावी मैदान में हैं, इन्हें सपा का समर्थन प्राप्त है.

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