Radha Ashtami 2022: भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी सदियों से हि अटूट प्रेम और विश्वास के प्रतिक हैं. माना जाता है कि श्री कृष्ण की पूजा तब तक अधूरी रह जाती है जब तक राधा रानी की पूजा ना की जाए. यहीं कारण है कि श्री कृष्णजन्मोत्सव के 15 दिनों बाद राधा रानी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्म हुया था, इस बार यह योग 03 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 4 सितंबर को सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने से राधा रानी के साथ नंदगोपाल प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. अब क्योंकि राधा रानी और श्री कृष्ण प्रेम के प्रतिक माने जाते हैं इसलिए इस दिन पूजा करने से प्रेमी जोड़ों और सुहागिनों को भी ढ़ेर सारे लाभ मिलने की बात कही जाती है. आइए जानते हैं कब है राधा अष्टमी और क्या है इसका महत्व...
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