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Varanasi News: काशी विश्वनाथ मंदिर में फूलों से बरसेंगे रोजगार, योगी सरकार का नया प्लान तैयार

Kashi vishwanath dham: काशी के मंदिरों में बाबा चढ़ाया जाने वाला फूल अब रोजगार के नये अवसर को खोलेगा. बाबा को अर्पित ये फूल कचरे और नदियों में नहीं फेंके जाएंगे बल्कि इन फूलों से अगरबत्ती, धूप, हर्बल और खाद जैसी कई और चीजें बनाई जाएंगे.

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Padma Shree Shubham|Updated: Sep 25, 2023, 11:49 AM IST

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा को चढ़ाए गए फूलों से मंदिर ही नहीं बल्कि न जाने कितने घर आंगन भी महक उठेंगे. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक की मदद से अब मंदिरों में अर्पित किए गए फूलों से अगरबत्ती और खाद निर्माण करने की योजना शुरू होने वाली है. अक्टूबर में बाबा के निर्माल्य से कई कई तरह की चीजों के निर्माण कार्य को शुरू किया जाएगा. इससे बंबूलेस अगरबत्ती बनाई जाएगी, धूप, खाद, साबुन का निर्माण होगा, हवन कैप का निर्माण किया जाएगा. अगरबत्ती के इस उद्योग से करीब करीब दो सौ से ज्यादा महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकेंगी. 

रिसर्च और डेवलपमेंट संस्था
प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा पहल किए जाने के बाद काशी के मंदिरों में अर्पित किए गए फूल अब रोजगार का एक अच्छा साधन बनने जा रहे हैं. इन चढ़ाए गए फूलों की नियति अब कचरे में फेंका जाना और नदी में बहाया जाना नहीं होगा. बल्कि अब ये फूल घरों को अलग अलग तरीके से महकाएंगे. रिसर्च और डेवलपमेंट संस्था साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट सिडबी की मदद से यहां के मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से अगरबत्ती के निर्माण साथ ही धूप, हर्बल, गुलाल, तुलसी के पाउडर व खाद के निर्माण को शुरू करेगा. यह संस्था युवा ग्राम्य विकास समिति द्वारा संचालित है. 

हर दिन 50 टन फूल-माला व निर्माल्य लिए जाएंगे
संस्था के अजय सिंह के द्वारा इस बारे में जानकारी दी गई कि इस कार्यक्रम को आने वाले छह अक्टूबर को गांधी जयंती के स्वच्छता पखवाड़ा में शुरू किया जाएगा. पहले चरण में वो फूल जोकि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में चढ़ाए गए होंगे उनकी रिसाइकिल की जाएगी और अगरबत्ती बनाई जाएगी. मंदिर से हर दिन50 टन फूल-माला के साथ ही निर्माल्य लेने की भी पूरी तैयारी है. 

प्राकृतिक खाद 
अगले चरणों में शहर के दूसरे मंदिरों से इसी प्रकार से कदम उठाए जाएंहे और इन चढ़ाए गए फूलों से बिना किसी केमिकल वाले और बंबूलेस व चारकोल फ्री अगरबत्तियां व धूप बनाई जाएंगी. प्राकृतिक खाद भी इन फूलों से बनाए जाएंगे. जिससे किसान इन्हें उपयोग में ला सकें. इस पूरे कार्यक्म से महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को संबद्ध किया जाएगा.

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