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कफ सिरप से 19 बच्चों की मौत के मामले में नोएडा की कंपनी के 3 अफसर गिरफ्तार, फरार मालिक की तलाश तेज

Uzbekistan Children Death Case: भारत में निर्मित कफ सिरप पीने से उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में कंपनी के मालिक समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है. जबकि तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं.   

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Uzbekistan Children Death Case
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Zee Media Bureau|Updated: Mar 03, 2023, 05:04 PM IST

Noida News: भारत में निर्मित कफ सिरप पीने से उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में कथित रूप से 19 बच्चों की मौत के मामले में लिए गए दवा के नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं. मानक फेल होने पर नोएडा स्थित कंपनी के मालिक सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कंपनी के ऑपरेशन हेड समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. कंपनी के मालिक फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है. 

क्या है पूरा मामला? 
नोएडा सेक्टर 67 स्थित कंपनी के कफ सिरप को उज्जेबिकस्तान में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार माना गया था. जिसके बाद भारत में भी इस कंपनी के खिलाफ जांच शुरू हुई थी. इस मामले में कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने थाना फेस -3 में गुरुवार देर रात को मुकदमा दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि सेक्टर 67 स्थित फर्म मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड में निर्मित कफ सिरप मानकों पर खरा नहीं उतरा है. जिसके चलते इस कंपनी की डायरेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल तथा मूल सिंह आदि के खिलाफ धारा 274, 275, 276 ,औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम 17,17ए,17 -बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तुहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत तथा मूल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि कंपनी के मालिक जया जैन और सचिन जैन फरार हैं. जिनकी तलाश की जा रही है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी. 

दवा उत्पादन लाइसेंस कर दिया गया था निलंबित 
दिसंबर 2022 में कंपनी द्वारा बनाई गई सिरप पीने से उजबेकिस्तान में 19 बच्चों की संदिग्ध मौत हो गई थी. मामले के तूल पकड़ने के बाद उजबेकिस्तान सरकार की सूचना के आधार पर भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया. 29 दिसंबर को कंपनी में छापेमारी की गई. साथ ही जांच के लिए नमूने भी लिए गये थे. उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने कंपनी का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया था. गौतमबुद्ध नगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया था कि निरीक्षण के दौरान कंपनी के प्रतिनिधि सिरप उत्पादन से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं कर सके, जिसके बाद सरकार ने इसके उत्पादन पर तत्काल रोक लगा दी थी. यह कंपनी तभी से बंद थी. 

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