Home >>Uttarakhand

उत्तराखंड की बेटी ने 3 दिन में साइकिल से फतह की अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी, पाकिस्तान का तोड़ा रिकॉर्ड

Uttarakhand News: उत्तराखंड की प्रीति नेगी ने 3 दिन में अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले भी वह कई चोटियों पर तिरंगा लहराकर प्रदेश और देश का नाम रोशन कर चुकी हैं.

Advertisement
उत्तराखंड की बेटी ने 3 दिन में साइकिल से फतह की अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी, पाकिस्तान का तोड़ा रिकॉर्ड
Stop
Zee Media Bureau|Updated: Dec 22, 2022, 06:20 PM IST

हरेंद्र नेगी/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड की बेटी ने साइकिल से अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाकर पूरे विश्व में भारत का डंका बजवाया है. रुद्रप्रयाग जिले की प्रीति नेगी ने 18 दिसम्बर को अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को साइकिल से 3 दिन में फतह कर तिरंगा फहराया और असंभव काम को संभव बना दिया. इस रिकॉर्ड को उन्होंने शहीद माउंटेनियर एवरेस्टर सविता कंसवा और नोमी रावत और भारतीय सेना के जांबाज सिपाही शहीद पिता को श्रद्धाजंलि स्वरूप समर्पत किया है. 

पाकिस्तान की समर खान का तोड़ा रिकॉर्ड
इससे पहले पाकिस्तान की समर खान ने 4 दिन में समिट पूरा किया था, जिसका प्रीति नेगी ने रिकॉर्ड ब्रेक किया है. बता दें किलिमंजारो अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु किबो मवेन्ज़ी और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है और अफ्रीका का सबसे ऊंचा पर्वत है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5895 मीटर या 19341 फीट है. किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त खड़ा पर्वत है. साथ ही साथ विश्व का चौथा सबसे उभरा पर्वत है, जो आधार से 5882 मीटर या 19298 फीट ऊंचा है. इससे पहले प्रीति रिस्पेक्ट टू गॉड इवेंट के जरिए 4 दिन में हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा साइकिल से कर रिकॉर्ड बना चुकी हैं. हरिद्वार से केदारनाथ पहुंचने वाली प्रीति पहाड़ की पहली बेटी हैं.

मैकेनिक की बेटी बनी प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट, ऐसे हासिल किया सफलता का मुकाम

आतंकवादी हमले में पिता हुए शहीद, मां ने बढ़ाया हौसला
प्रीति रुद्रप्रयाग के तेवड़ी सेम, पोस्ट चंद्रनगर की रहने वाली हैं. उनके पिता राजपाल सिंह वर्ष 2002 में आतंकवादियों से लड़ते हुए जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे. इस घटना ने परिवार को पूरी तरह से झकझोर दिया फिर भी प्रीति ने कभी खुद को कमजोर होने नहीं दिया. मां भागीरथी देवी भी लगातार बेटी की हौसला अफजाई करती रहीं. प्रीति कुछ बेहतर कर नाम रोशन करना चाहती थीं, इसलिए बचपन से ही खेलकूद के साथ बाइकिंग माउंटेन और साइकिलिंग में खुद को निखारने लगीं.

राजभर के दिल में क्या छिपा है राज, पार्टी नेता लगा रहे सपा कार्यालय के चक्कर

2016 में किया पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स, कई चोटियों को कर चुकी हैं फतह
अगस्त्यमुनि से शिक्षा प्राप्ति के दौरान 2015 में बॉक्सिंग स्टेट खेल चुकी प्रीति ने 2016 में पर्वतारोहण में बेसिक कोर्स किया. जिसके बाद से वो कई चोटियों पर पर्वतारोहण कर चुकी हैं. वर्ष 2017 ने यूथ फाउंडेशन में बतौर इंस्ट्रक्टर बनकर लड़कियों को प्रशिक्षित किया. 2022 में पर्वतारोहण में बचाव पाठ्यक्रम करने के बाद से लगातार विभिन्न इंवेटों के जरिए अपने को स्थापित करने में जुटी हैं. 

WATCH: जानिए किन गलतियों की वजह से आपका व्हाट्सएप अकाउंट हो सकता है बैन

{}{}